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रशिया-यूक्रेन युद्ध: यूक्रेनी सेना के अधिकारी ने कहा- ‘राष्ट्र को सबसे ज्यादा ‘हवाई रक्षा प्रणाली’ की आवश्यकता’

मॉस्को. रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद, दो हफ्ते से भी कम समय में करीब 20 लाख लोगों ने पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र छोड़ दिया है, जिनमें से आधे बच्चे हैं और हर नए दिन के साथ यह पलायन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बनता जा रहा है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. रूसी सेना से घिरे यूक्रेनी शहरों में मानवीय स्थिति और अधिक विकट हो गई है, जिसमें मारियुपोल भी शामिल है, जहां सड़कों पर हर तरफ मृत शरीर नजर आ रहे हैं और अभी तक वहां कोई मानवीय सहायता नहीं पहुंच पाई है. यूक्रेनी सेना के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्र को सबसे ज्यादा ‘हवाई रक्षा प्रणाली’ की आवश्यकता है. ‘प्लैनेट प्रयोगशाला्स पीबीसी’ के उपग्रह से ली गई तस्वीरों में बेलारूस की राजधानी मिंस्क के बाहर ‘माचुलिशची एयर बेस’ पर बेलारूसी और संदिग्ध रूसी हेलीकॉप्टर नजर आ रहे हैं.

 

विश्लेषकों का मानना ​​है कि उपग्रह की तस्वीरों में कीव के उत्तर में दिख रही यह तैनाती संभवत: यूक्रेनी सेना ने रूसी कार्रवाई का मुकाबला करने के लिए की हो. ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ ने देखा तबाही का मंजर यूक्रेन के मारियुपोल में रूसी हमले से उत्पन्न तबाही का मंजर सड़कों पर पड़ी मृत शरीरों से साफ नजर आ रहा है, कई दिन से भूखे लोग अब भोजन की तलाश में दुकानों के ताले तोड़ रहे हैं, प्यास बुझाने के लिए बर्फ पिघलाकर पी रहे हैं. इस रणनीतिक बंदरगाह शहर में रूसी गोलाबारी की आवाज से कांपते हुए हजारों लोगों ने जान बचाने के लिए तहखानों में पनाह ली है. स्त्रीओं और बच्चों के बीच तहखाने में ऑयल के दीपक की रोशनी में रोते हुए गोमा जाना ने कहा, ‘‘ मैं क्यों ना रोऊं ? मुझे मेरा घर वापस चाहिए, मेरी नौकरी वापस चाहिए. मैं लोगों और शहर को लेकर दुखी हूं.’’ मारियुपोल शहर की आबादी करीब 4,30,000 है और रूसी हमले के बाद उत्पन्न स्थितियों से यहां मानवीय संकट गहराता जा रहा है. एक वीडियो में यूक्रेन का एक सैनिक लोगों से एकजुट रहने का आग्रह करता नजर आ रहा है. सैनिक ने कहा, ‘‘ कृपया एकजुट रहें. घबराने की आवश्यकता नहीं है. कोई सामान चोरी ना करें. आप यहां एकसाथ ही रहेंगे.’’ कैसा चल रहा है फंसे लोगों को निकालने का अभियान यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरीना वेरेशचुक ने बताया कि सूमी से करीब पांच हजार लोगों को निकाला गया है. वहीं, रूसी सेना ने कहा कि 723 लोगों को शहर से निकाला गया है और उनकी पहचान अधिकतर हिंदुस्तानीय नागरिकों के तौर पर हुई है. बाकी चाइना, जॉर्डन और ट्यूनीशिया के नागरिक हैं. वेरेशचुक ने बताया कि मारियुपोल में मंगलवार को भी वहां फंसे लोगों को निकालने की प्रयास असफल रही, क्योंकि उन्हें ले जाने वाले यूक्रेनी काफिले के शहर पहुंचने से पहले ही रूसी सेना ने उस पर गोलीबारी कर दी.

यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मिशन की अधिकारी नतालिया मुद्रेंको ने रूस पर नागरिकों को ‘‘बंधक’’ बनाने का इल्जाम लगाया और कहा कि मारियुपोल तथा अन्य शहरों में स्थिति गंभीर है और विश्व नेताओं तथा मानवीय एवं चिकित्सा संगठनों को तत्काल सहायता करनी चाहिए. उन्होंने मंगलवार की दोपहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक मीटिंग में कहा कि नागरिकों, अधिकतर स्त्रीओं और बच्चों को ‘‘जाने की अनुमति नहीं है और मानवीय सहायता को वहां पहुंचाने नहीं दिया जा रहा है.’’ वहीं, रूसी सेना ने काफिले पर गोलीबारी से मना किया और यूक्रेन पर निकासी कोशिशों को बाधित करने का इल्जाम लगाया है. युद्ध की जमीनी स्थिति यूक्रेन की आपात सेवाओं ने बताया कि रूसी विमानों ने मंगलवार की रात को यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और कीव के पश्चिमी हिस्से के आसपास के आवासीय क्षेत्रों पर बमबारी की और रूसी सेना ने कीव के उपनगरों में भी गोलाबारी तेज कर दी है. एजेंसी ने बताया कि जितोमिर के पास 25,000 लोगों की आबादी वाले शहर मालिन में बमबारी में दो बच्चों सहित कम से कम पांच लोग मारे गए और एक कपड़ा कारखाना तथा सात मकान तबाह हो गए. खारकीव के पास चुहूयीव में बमबारी में सात सालीय बच्चे सहित दो लोगों की मृत्यु हो गई. यूक्रेनी अधिकारियों ने कीव के उपनगरों बुच, होस्तोमेल, इरपिन, विश्होरोद और बोरोदियांका में भी स्थिति गंभीर होने की जानकारी दी है. युद्ध में अभी तक कितने लोग मारे गए? ऐसा बताया जाता है कि हजारों लोग मारे गए हैं, जिनमें नागरिक और सैनिक दोनों शामिल हैं.

हालांकि, असली आंकड़ा अभी तक साफ नहीं है. ‘नेशनल इंटेलिजेंस’ के निदेसंदेह एवरिल हैन्स ने मंगलवार को वाशिंगटन में सांसदों को बताया कि अमेरिका का मानना ​​है कि रूस ने अपने आक्रमण शुरू करने से पहले यूक्रेन की ताकत को कम करके आंका और उसके भी कई लोग हताहत हुए हैं. यूक्रेन को कितनी सहायता मिली पेंटागन का दौरा करने के बाद वाशिंगटन में यूक्रेनी दूतावास के अधिकारी मेजर जनरल बोरिस क्रेमेनेत्स्की ने मंगलवार को बताया कि अलावा वायु रक्षा क्षमताएं यूक्रेन के लिए पहली प्राथमिकता हैं. क्रेमेनेत्स्की ने ‘एपी’ को बताया , ‘‘ यह जमीन पर आधारित वायु रक्षा प्रणाली हो सकती है. यह युद्धक विमान हो सकते हैं या जो भी संभव हो.’’ वहीं, पोलैंड ने यूक्रेन की सेना की सहायता करने के लिए अमेरिका को अपने सभी एमआईजी-29 लड़ाकू विमान देने का प्रस्ताव दिया है. हालांकि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह प्रस्ताव उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के लिए गंभीर चिंताएं पैदा करता है और यह योजना ‘‘तर्कसंगत नहीं’’ है. रूस पर प्रतिबंध रूस को आर्थिक स्तर पर अलग-थलग करने के कोशिश लगातार जारी हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूसी ऑयल इनकमात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की और बहुदेशीय ऑयल एवं गैस कम्पनी ‘शेल’ ने कहा कि वह अब रूस से ऑयल और प्राकृतिक गैस नहीं खरीदेगी. वहीं, मैकडॉनल्ड्स, स्टारबक्स, कोका-कोला, पेप्सिको और जनरल इलेक्ट्रिक जैसे कई वैश्विक ब्रांड ने घोषणा की है कि वे यूक्रेन पर आक्रमण के उत्तर में रूस में अपने व्यापार को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहे हैं.

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