गुजरात एटीएस ने इस फर्जी लाइसेंस घोटाला मामले में 108 आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है।
गुजरात में नागालैंड से फर्जी हथियार लाइसेंस हासिल करने के मामले में एटीएस ने 16 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से 15 हथियार और 489 कारतूस जब्त किए गए हैं। एटीएस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है। गुजरात एटीएस
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गौरतलब है कि 8 अप्रैल को गुजरात एटीएस ने फर्जी लाइसेंस रखने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और कुल 6 हथियारों के साथ 135 कारतूस जब्त किए थे। इनकी रिमांड के दौरान 16 और आरोपियों के नाम का खुलासा हुआ।, जिन्हें एक-एककर गिरफ्तार कर लिया गया है।
ये 16 आरोपी धार्मिक और विवाह समारोहों में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे।
हरियाणा के दो व्यक्ति नागालैंड-मणिपुर के लाइसेंस तैयार कर रहे थे इन 16 आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि हथियार और हथियार लाइसेंस पहले से गिरफ्तार सात आरोपियों से खरीदे गए थे। सातों आरोपियों के पास नागालैंड और मणिपुर के लाइसेंस थे, जो हरियाणा के नूह के सौकत अली और आसिफ द्वारा बनवाए गए थे। गुजरात एटीएस को शक है कि इस फर्जी लाइसेंस घोटाले में नागालैंड और मणिपुर प्रशासन के कर्मचारी या अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं।
गुजरात एटीएस ने 108 आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गुजरात एटीएस ने इस फर्जी लाइसेंस घोटाला मामले में 108 आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है और अब तक 23 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस फर्जी हथियार लाइसेंस घोटाले के प्रकाश में आते ही जहां और आरोपियों की तलाश शुरू हो गई है, वहीं यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि गुजरात के नामी लोगों और सेलिब्रिटीज के पास भी ऐसे हथियार लाइसेंस हो सकते हैं।
पहले ये सातों आरोपी गिरफ्तार किए गए थे। इन्होंने ही 16 लोगों के नाम बताए।
16 में से 6 आरोपियों का आपराधिक इतिहास वर्तमान में 16 में से 6 आरोपियों के खिलाफ अपराध भी दर्ज हैं। जिसमें अर्जन विहा भरवाड के खिलाफ 2, जनक बालू पटेल के खिलाफ एक, जगदीश रेवा भुवा के खिलाफ एक, मनीष रमेश रैयानी के खिलाफ 4, रमेश भोजा भरवाड के खिलाफ 2 और विराम सोंडा भरवाड के खिलाफ 1 मामला दर्ज है।
धार्मिक और विवाह समारोहों में एक-दूसरे के संपर्क में आए ये 16 आरोपी धार्मिक और विवाह समारोहों में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। जब उन्होंने इन सातों आरोपियों के पास से हथियार देखे तो वे प्रभावित हुए और अपने लिए भी लाइसेंस लेने की बात कही। इसके साथ ही इन 16 आरोपियों ने 5 लाख रुपए से लेकर 25 लाख रुपए तक की रकम देकर नागालैंड और मणिपुर से शस्त्र लाइसेंस और हथियार हासिल किए।
अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकतीं हैं: डीएसपी एटीएस के डीएसपी एस.एल. चौधरी ने बताया कि ये लोग धार्मिक व सामाजिक आयोजनों में शामिल होते थे और जब हथियारों का प्रदर्शन होता था तो खुद को इस तरह व्यवस्थित कर लेते थे कि वहां मौजूद लोग उन्हें देख सकें और हथियार खरीदने वाले इच्छुक लोग उनके संपर्क में आ सकें। मामले की जांच अभी जारी है, अभी और गिरफ्तारियां हो सकतीं हैं।