गोवा के पूर्व मंत्री रोहन खुंटे (Rohan Khaunte) निर्दलीय विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. साल 2017 के बाद से पार्टी बदलने वाले खुंटे 21वें विधायक बन गए हैं, जो अपने आप में एक तरह का रिकॉर्ड है. गोवा के 2017 के विधानसभा चुनावों में चुने गए कुछ विधायक अपनी उस पार्टी के प्रति निष्ठावान नहीं दिखे, जिस पार्टी ने उन्हें उस साल चुनाव में उतारा था.
हालांकि इन दलबदलों का सबसे बड़ा लाभ बीजेपी को हुआ है. BJP ने अपनी संख्या को 13 से बढ़ते हुए देखा है. हाल के कुछ महीनों में तीन विधायकों- कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड और निर्दलीय के एक-एक विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है और इस उम्मीद के साथ बीजेपी में जाकर शामिल हो गए हैं कि उन्हें आगामी विधानसभा चुनावों (Goa Assembly Election 2022) के लिए पार्टी की तरफ से टिकट की पेशकश की जाएगी. बीजेपी से केवल एक ही विधायक ने पार्टी का दामन छोड़ा, जो गोवा में कोरटालिम सीट से बीजेपी की विधायक अलीना सल्दान्हा (Alina Saldanha) रहीं.
बीजेपी से एक विधायक ने छोड़ी पार्टी
अलीना सलदान्हा ने 16 दिसंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की मौजूदगी में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ज्वाइन कर ली. हालांकि दलबदल के आंकड़ों में कांग्रेस (Congress) से सबसे ज्यादा विधायक शामिल रहे. गोवा विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की वर्तमान संख्या तीन है. कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) ने 18 दिसंबर को अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की है.
‘जहां सत्ता वहीं दौड़ता है विधायक’
पूर्व विधायक और यूनाइटेड गोवा डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य राधाराव ग्रेसियस ने कहा, ‘गोवा में यह एक सामान्य स्थिति है. मेरे जैसे बहुत कम लोग हैं जिन्होंने राजनीतिक दल नहीं बदले हैं और हम जहां हैं वहीं फंस गए हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि जनता चाहती है कि उनका विधायक सत्ता में रहे और हर विधायक वहीं दौड़ता है जहां उसे लगता है कि सत्ता होगी. यह अनिवार्य रूप से होता है क्योंकि हर कोई अपने विधायक के सत्ता में होने की उम्मीद करता है इसलिए हर कोई पक्ष बदल रहा है.’