130 दिनों में ही ट्रायल पूरा। कोर्ट सोमवार को दोषियों की सजा पर फैसला सुनाएगी।
सूरत की मांगरोल तहसील में करीब चार महीने पहले हुए सनसनीखेज गैंगरेप के मामले के दो आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। यह घटना 8 अक्टूबर को नवरात्रि के दौरान कोसंबा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुई थी। कोर्ट ने इस केस की प्राथमिकता के साथ 130 दिनों मे
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एक आरोपी की मौत हो चुकी है मांगरोल के इस चर्चित गैंगरेप मामले में पुलिस ने मुन्ना करबली पासवान, राम सजीवन (राजू) और शिवशंकर उर्फ दयाशंकर चौरसिया को गिरफ्तार किया था, लेकिन ट्रायल के दौरान शिवशंकर की बीमारी से मौत हो गई, जिससे बाकी दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा जारी रहा। सरकारी वकील नयन सुखड़वाला ने बताया कि इस केस में गंभीर अपराध को देखते हुए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की गई है।
आरोपियों को पकड़ने के लिए डॉग स्क्वायड की भी मदद ली गई थी।
नवरात्रि में आरोपियों ने की थी नाबालिग से हैवानियत इस केस में सबसे अहम सबूत पीड़िता और उसके दोस्त की गवाही रही। घटना नवरात्र की पांचवीं रात को 10:45 से 11:15 बजे के बीच कोसंबा के मोटा बोरसरा गांव की सीमा पर खेतों के पास हुई थी। पीड़िता अपने 17 वर्षीय दोस्त के साथ वहां बैठी थी। तीनों आरोपी बाइक से आए।
पहले तो उन्होंने धमकाते हुए उनके मोबाइल फोन छीन लिए, फिर दोनों के कपड़े उतरवाकर उनकी अश्लील तस्वीरें खींचीं। उसके बाद, तस्वीरें वायरल करने की धमकी देकर पीड़िता को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। पीड़िता और उसका दोस्त वहां से भागे, लेकिन पीड़िता गिर गई। आरोपियों ने पीड़ता को पकड़ लिया और गन्ने के खेत में ले जाकर गैंगरेप किया।
वारदात वाली जगह का मुआयना करती पुलिस की जांच टीम।
पीड़िता ने कोर्ट में की थी आरोपियों की पहचानपुलिस ने 15 दिनों के अंदर 3000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी थी।घटना के दौरान चांदनी रात थी। आरोपियों ने मोबाइल की फ्लैश लाइट ऑन की थी, जिससे पीड़िता ने उनके चेहरे देख लिए थे।चार्जशीट में 60 गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, साइंटिफिक एविडेंस, मोबाइल डेटा और स्पेक्ट्रोग्राफिक सबूत शामिल थे।हाईकोर्ट के निर्देश पर 11 नवंबर से डे-टू-डे आधार पर ट्रायल चला। पीड़िता और उसके दोस्त ने बिना किसी डर के गवाही दी।