उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष पेश किये गए सालाना बजट में एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा गया था की कृषि नलकूपों की बिजली मुफ्त कर दी जाएगी । इसके साथ ही इस बात की भी घोषणा करी गयी थी की इस वर्ष अप्रैल महीने से ही इस पर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी लेकिन अभी तक राज्य सरकार और शासन द्वारा इस विषय को लेकर किसी भी तरह की कोई भी गाइड लाइन नहीं जारी करी गयी है। जिसके चलते पीवीवीएनएल की तरफ से लगातार किसानो को बिजली का बिल भेजा जा रहा है। इस वर्ष अप्रैल माह में ही अभी तक मेरठ जोन के मेरठ और बागपत इलाके के 70 हज़ार से अधिक किसानो करीब 10 करोड़ रूपए के बिजली के बिल भेजे जा चुके हैं। बात अगर नलकूपों के पर कुल बकाया राशि की करे तो इस समय पश्चिमांचल के 3.45 लाख के करीब नलकूप किसानो पर विभाग का 2600 करोड़ रूपए से अधिक का बकाया है। जिसमे से सिर्फ मेरठ जोन के ही 76 हज़ार के करीब किसानो पर विभाग का करीब 125 करोड़ रूपए बकाया है। वहीँ दूसरी तरफ जिन किसानो को यह बिजली के बिल भेजे गए हैं वो इस बात को लेकर परेशान हैं की बिजली के बिल जमा करे या फिर ना करे। इस विषय पर और अधिक जानकारी देते हुए पीवीवीएनएल के प्रबंध निदेशक चैत्रा वी. बताते हैं की “निजी नलकूप किसानों की बिजली फ्री किए जाने को लेकर अभी तक शासन से कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। अभी पहले की तरह ही किसानों को बिजली बिल भेजे जा रहे हैं।”