Gujarat Kutch: दिसंबर में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए गुजरात का कच्छ बेहद खास हो सकता है. यहां आकर रहना रोमांचक होता है. एक-एक पल खूबसूरती से भर जाता है.
Gujarat Kutch Trip: ‘कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में’.. गुजरात टूरिज्म की ये लाइनें सिर्फ कहने को ही नहीं है, बल्कि यह सच है. क्योंकि गुजरात की कुछ जगहें इतनी खूबसूरत हैं जहां जाकर आपका दिल खुश हो जाएगा. अगर आप दिसंबर में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो गुजरात का कच्छ (Gujarat Kutch) बेहद खास हो सकता है. यहां आकर आपको जो एहसास होगा, वह किसी और डेस्टिनेशन में नहीं मिल सकता. आइए जानते हैं इस जगह की खूबसूरती की खास बातें..
गुजरात का कच्छ
गुजरात के कच्छ में घूमने का सबसे बढ़िया समय सर्दियों का माना जाता है. घूमने-फिरने के शौकीन लोगों के लिए यहां बहुत सी रोमांचक और खूबसूरत जगहें हैं. यहां दूर तक फैला हुआ रेगिस्तान, ऐतिहासिक इमारतें, मंदिर, गुफाएं और रोमांचक वन्यजीव अभयारण्य पर अलग-अलग अनुभव लिए जा सकते हैं.
सर्दियों में होती है रौनक
गुजरात के कच्छ में सर्दियों में तापमान 12 से 25 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहता है. देश-विदेश से आए सैलानियों के लिए यह मौसम सबसे मुफीद माना जाता है.
रण महोत्सव सबसे अलग
दिसंबर के महीने में कच्छ के ग्रेट रण रेगिस्तान में रण महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है. कच्छ के एक तरफ़ थार का रेगिस्तान तो दूसरी तरफ़ नीला अरब सागर और वहीं बीच में मौजूद है कच्छ का ग्रेट रण. यहां आने वाले लोगों के मुताबिक, यह जगह किसी जादुई जगह से कम नहीं है. दिसंबर में आने वाली पूर्णिमा की रात में सफेद रोशनी में जगमगाते रेत के रेगिस्तान को देखना एक अलग अनुभव देता है. यहां मनाया जाने वाला रण महोत्सव, हर साल अक्टूबर और फरवरी महीने के बीच में मनाया जाता है. इसमें यहां की सांस्कृतिक प्रदर्शनी, रेगिस्तान की सफारी, हॉट बैलून की सवारी, शॉपिंग, स्थानीय फूड वगैरह का आनंद लिया जा सकता है.
मांडवी
सी-बीच में घूमने के शौकीन लोगों को दिसंबर में एक बार कच्छ के मांडवी में ज़रूर जाना चाहिए. यह कच्छ के सबसे शानदार समुद्री किनारों में से एक जगह है. यहां चलने वाले ठंडी समुद्री हवा, गर्म धूप के सुकून के पल सारी थकावट को गायब कर देंगे.
तोपानसर झील
यहां की तोपानसर झील में हर साल दिसंबर के महीने में प्रवासी पक्षी आते हैं. इन प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं.
भुज
भुज नाम तो सुना ही होगा. कई वजहों से देश भर में मशहूर भुज नाम की जगह कच्छ में ही है. हर साल यहां बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं और ऐतिहासिक मंदिरों, स्वामी नारायण मंदिर, आइना महल, डेजर्ट वाइल्ड लाइफ़ वगैरह घूमने जाते हैं.
सियोट की गुफाएं
ऐतिहासिक जगहों पर जाने के शौकीन लोगों के लिए सियोट की गुफाओं के बढ़िया विकल्प मिलना आसान नहीं है. यहां बौद्ध मठों और हिंदू मंदिरों के आर्किटेक्ट को करीब से महसूस किया जा सकता है. ये भुज से करीब 125 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है.