हिंदुस्तानीय क्रिकेट खिलाड़ियों के संगठन ने विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा का समर्थन किया है. मंगलवार को भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन ने पत्रकार की धमकी की निंदा करते हुए साहा के समर्थन में बयान दिया. इसके साथ ही संगठन ने बीसीसीआई के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें पूरे मामले की जाँच कराने की बात कही गई है. हालांकि, साहा ने इससे पहले कहा था कि वो धमकी देने वाले पत्रकार का नाम नहीं बताएंगे. उनका उद्राष्ट्र्य किसी का करियर खत्म करना नहीं है.
हिंदुस्तानीय क्रिकेटर्स के संगठन की तरफ से आधिकारिक बयान जारी करते हुए संगठन के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने कहा “हम स्वीकार करते हैं कि मीडिया हमारे खेल और खिलाड़ियों के विकास में अहम सहयोग देती है, लेकिन यहां हमेशा एक हद होती है, जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए. साहा के मामले में जो भी हुआ है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता और हम संबंधित मीडिया संजगहों से अपील करते हैं कि इस मामले पर ध्यान दें और यह सुनिश्चित करें कि ऐसी वस्तुें दोबारा न हों.” साहा को पूरा समर्थन भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन के हकीकतिव भलाईेश मजूमदार ने कहा “इन दशाों में हम साहा को पूरा समर्थन देंगे. किसी भी खिलाड़ी को मीडिया या कहीं और से भी इस तरीके से नहीं धमकाया जाना चाहिए. हम मीडिया से अपील करते हैं कि साहा के समर्थन में आएं और यह सुनिश्चित करें कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. मीडिया और खिलाड़ियों के बीच कोई भी वार्ता हमेशा सहमति से होनी चाहिए.” क्या है पूरा मामला ? 19 फरवरी के दिन श्रीलंका के विरूद्ध टी-20 और टेस्ट सीरीज के लिए हिंदुस्तानीय टीम का एलान हुआ था और साहा को हिंदुस्तानीय टीम से बाहर कर दिया गया था. इसके बाद एक पत्रकार ने साहा को मैसेज कर इंटरव्यू की मांग की. पत्रकार ने लिखा “मेरे साथ एक इंटरव्यू करिए, यह काफी अच्छा होगा. यदि आप लोकतांत्रिक रहना चाहते हैं तो मैं दबाव नहीं बनाऊंगा. वो एक विकेटकीपर चुनते हैं, जो सबसे बेहतर होता है. आप 11 पत्रकार चुनने की प्रयास करते हैं, जो मेरे हिसाब से सही नहीं है. उसे चुनिए जो सबसे ज्यादा आपकी सहायता कर सकता है.” उत्तर न मिलने पर पत्रकार ने उन्हें वॉट्सएप कॉल किया, लेकिन साहा ने कॉल रिसीव नहीं किया. इसके बाद पत्रकार ने धमकी भरे अंदाज में लिखा “आपने मुझसे बात नहीं की, मैं अब कभी भी आपका इंटरव्यू नहीं लूंगा. मैं बेज्जती को सहजता से नहीं स्वीकार करता हूं और मैं इसे याद रखूंगा. आपको ऐसा कतई नहीं करना चाहिए था.” साहा ने पत्रकार के मैसेज के स्क्रीनशॉट अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर करते हुए सभी को इस घटना के बारे में बताया. सीनियर खिलाड़ियों ने किया समर्थन यह मामला सामने आने के बाद हरभजन सिंह से लेकर वीरेन्द्र सहवाग सहित कई कद्दावर खिलाड़ी साहा के समर्थन में आए. रवि शास्त्री ने बीसीसीआई से जाँच की मांग की. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को इस मामले में दखल देना चाहिए. टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक बीसीसीआई ने इस मामले में जाँच करने का फैसला भी किया है. साहा से उस पत्रकार का नाम मांगा गया, जिसने उन्हें धमकी दी थी. बीसीसीआई पूरे मामले की जाँच करना चाहता है और साहा के अलावा भी यदि किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा हुआ है तो उसकी जाँच होगी. पत्रकार का नाम नहीं बताएंगे साहा भारतीय एक्सप्रेस से वार्ता में साहा ने कहा है कि अब तक बीसीसीआई की तरफ से किसी अधिकारी ने उनसे बात नहीं की है. यदि उनसे पत्रकार के नाम का खुलासा करने को कहा जाता है तो वह कहेंगे कि कभी भी उनका इरादा किसी का करियर समाप्त करने का नहीं था. इसी वजह से उन्होंने अपने ट्वीट में नाम का खुलासा नहीं किया था. उनका उद्राष्ट्र्य यह था कि सभी को यह पता चले की मीडिया कोई ऐसा कार्य कर रहा है और भविष्य में खिलाड़ियों को ऐसी वस्तुों का सामना न करना पड़े.
