Karnavati 24 News
તાજા સમાચાર
ताजा समाचार
बिज़नेस

‘महामारी की मुश्किलों से काफी हद तक उबर चुकी है भारतीय अर्थव्यवस्था, वापस आएगी 7-8% की ग्रोथ’

नीति आयोग (Niti Aayog) के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा, टीकाकरण के चलते महामारी काबू में आने से पुनरुद्धार जारी रहेगा और 7-8 फीसदी बढ़ोतरी का दौर वापस आ जाएगा.
नीति आयोग (Niti Aayog) के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया (Arvind Panagariya) ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) महामारी के चलते पैदा हुए व्यवधानों से काफी हद तक उबर गई है और उम्मीद जताई कि यह सुधार जारी रहेगा तथा 7-8 फीसदी की ग्रोथ रेट फिर बहाल हो जाएगी. पनगढ़िया ने सुझाव दिया कि सरकार को अब वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को आधा से 1 फीसदी तक कम करने का संकेत देना चाहिए. उन्होंने कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड से पहले के जीडीपी (GDP) के स्तर पर लौटने के लिए काफी हद तक सुधार किया है. सिर्फ निजी खपत अभी भी अपने कोविड-19 से पहले के स्तर से नीचे है.

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक भारती की जीडीपी वृद्धि दर 2021-22 में 9.2 फीसदी रहेगी. पनगढ़िया ने कहा कि यह आंकड़ा किस भी अन्य देश की तुलना में अधिक है और पुनरुद्धार पूरे देश में हुआ है. भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 7.3 फीसदी की गिरावट हुई थी.

7-8 फीसदी बढ़ोतरी का दौर वापस आ जाएगा
जानेमाने अर्थशास्त्री ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में कहा कि टीकाकरण के चलते महामारी काबू में आने से पुनरुद्धार जारी रहेगा और 7-8 फीसदी बढ़ोतरी का दौर वापस आ जाएगा. पनगढ़िया, जो इस समय कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं, ने कहा कि सरकार को अब राजकोषीय घाटे को कम करने पर जोर देना चाहिए, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर अगली पीढ़ी के लिए एक बड़ा कर्ज का बोझ तैयार हो जाएगा.

मुद्रास्फीति की बढ़ती प्रवृत्तियों पर उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका में मुद्रास्फीति एक चिंता का विषय है, जहां यह 7 फीसदी तक पहुंच गई है, जो पिछले 40 वर्षों में सबसे अधिक है, लेकिन भारत में नहीं है. भारत में यह 2 से 6 फीसदी के लक्ष्य सीमा के भीतर बना हुआ है.

अमेरिका में ब्याज दर (टेपर टैंट्रम) में बढ़ोतरी के संबंध में पनगढ़िया ने कहा कि इससे कुछ कैपिटल आउटफ्लो हो सकता है, लेकिन उन्हें यह उम्मीद नहीं है कि 2013 की गर्मियों की पुनरावृत्ति का कारण बनने के लिए यह पर्याप्त होगा. टेंपर टैंट्रम घटना 2013 की स्थिति को संदर्भित करती है, जब उभरते बाजारों में कैपिटल आउटफ्लो देखा गया और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अपने मात्रात्मक आसान कार्यक्रम पर ब्रेक लगाने के बाद मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हुई.

संबंधित पोस्ट

अहमदाबाद रहा आज राज्य का सबसे गर्म शहर: तापमान 41.5 डिग्री पहुंचने से लोग हुए बेचैन, कल से 3 दिनों तक राहत मिलने की संभावना – Gujarat News

Gujarat Desk

आखिर क्यों सरपट भाग रहा है टाटा ग्रुप का यह multibagger stock, छुआ अब तक का सर्वोच्च शिखर

Karnavati 24 News

आसुस ने जयपुर में एक्सक्लूसिव स्टोर के लॉन्च के साथ पैन इंडिया रिटेल स्ट्रेटेजी को मजबूत किया

Karnavati 24 News

ग्रीस के एक्रोपोलिस जैसा वडनगर का म्युजियम: 2500 साल पुराने PM मोदी का गांव वडनगर में बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विरासत संग्रहालय – Gujarat News

Gujarat Desk

महाकुंभ से लौट रहे गुजरातियों की बस ट्रक से टकराई: हादसे में 4 की मौत, 5 गंभीर रूप से घायल, दाहोद के पल्ली गांव में हुआ हादसा – Gujarat News

Gujarat Desk

शेयर बाजार : 500 अंक से ज्यादा गिरकर 58400 के नीचे पहुंचा सेंसेक्स, निफ्टी 200 अंक फिसला; मारुति के शेयरों में तेजी

Karnavati 24 News
Translate »