सरकार ने PLI Scheme के तहत सैमसंग, एपल के तीन कॉन्ट्रैक्ट मेकर्स – पेगाट्रॉन (Pegatron), विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन को स्मार्टफोन बनाने के लिए चुना था.
एपल (Apple) और सैमसंग (Samsung) सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के एक हिस्से के रूप में फाईनेंशियल ईयर 2022 में 37,000 करोड़ रुपए (5 बिलियन डॉलर) के स्मार्टफोन बनाने के लिए तैयार हैं. दिलचस्प बात यह है कि ये आंकड़े सरकार द्वारा तय किए टारगेट से 50 प्रतिशत अधिक हो जाएंगे. द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, फाईनेंशियल ईयर 2022 के लिए टारगेट 3.2 बिलियन डॉलर (लगभग 23,859 करोड़ रुपए) तय किया गया था. लेकिन कंपनियों के फाईनेंशियल ईयर 2022 में 5 अरब डॉलर का आंकड़ा पार करने की उम्मीद है.
इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कटेगरी के तहत बने मोबाइल फोन इस साल निर्यात में 2 अरब डॉलर का हिस्सा होने की उम्मीद है. खास तौर से, भारत सरकार ने भारत में स्मार्टफोन डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए 2020 में दूसरी रिलेटेड स्कीम्स के साथ पीएलआई स्कीम (PLI Scheme) की घोषणा की थी. स्कीम के एक हिस्से के रूप में, सरकार ने सैमसंग, एपल के तीन कॉन्ट्रैक्ट मेकर्स – पेगाट्रॉन (Pegatron), विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन के हाई और एक और फॉक्सकॉन यूनिट राइजिंग स्टार (अब भारत एफआईएच) को ग्लोबल मेकर्स के सेगमेंट के तहत स्मार्टफोन बनाने के लिए चुना था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच में से केवल तीन कंपनियों को पीएलआई स्कीम के तहत इंसेंटिव का बेनिफिट उठाने की उम्मीद है क्योंकि भारत एफआईएच और पेगाट्रॉन ने अभी तक इस कटेगरी में स्मार्टफोन का डेवलपमेंट शुरू नहीं किया है.
पेगाट्रॉन की दूसरी सबसे बड़ी मेकर कंपनी
पेगाट्रॉन, जो फॉक्सकॉन के बाद एपल की दूसरी सबसे बड़ी मेकर कंपनी है, के अगले कुछ महीनों में इस सेगमेंट के तहत प्रोडक्शन शुरू करने की उम्मीद है. दूसरी ओर, भारत एफआईएच इस स्कीम के लिए योग्य नहीं है क्योंकि यह ज्यादातर Xiaomi के लिए 15,000 रुपए प्रति यूनिट से कम प्रोडक्शन लागत वाले फोन बनाती है.
भारत में 1 अप्रैल से शुरू होगा प्रोडक्शन
आईसीईए के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू ने कहा, “हमारी कैलकुलेशन सैमसंग, विस्ट्रॉन और हॉन हाई (फॉक्सकॉन) द्वारा लगभग 5 बिलियन डॉलर का प्रोडक्शन दिखाती है. भारत एफआईएच अगले फाईनेंशियल ईयर (1 अप्रैल से शुरू) में चुनौती के लिए तैयार है और पेगाट्रॉन के इस साल प्रोडक्शन शुरू होने की उम्मीद है.”
ऐप्पल के मेकर्स द्वारा स्मार्टफोन के प्रोडक्शन के लिए यह पहला साल है और इसलिए, उन्हें इस साल 4,000 करोड़ रुपए के फोन का प्रोडक्शन करना होगा. दूसरी ओर, सैमसंग को 8,000 करोड़ रुपए के फोन का प्रोडक्शन करना होगा क्योंकि वह इस स्कीम के तहत दूसरे साल लाभ उठा रहा है.