Karnavati 24 News
તાજા સમાચાર
ताजा समाचार
देश

पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क से दुखद खबर! ‘सुपर मॉम बाघिन’ की मौत, नए अंदाज में मिली श्रद्धांजलि

 

बुंदेलखंड के विख्यात पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क से दुख भरी खबर आई है। यहां बाघों का कुनबा बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाने वाली ‘सुपर मॉम बाघिन’ की मौत हो गई है। टाइगर रिजर्व पेंच जंगल में इसने अंतिम सांस ली। पार्क प्रशासन ने इसे स्वाभाविक मृत्यु बताया। वन्य कर्मियों ने फूलों से सजी चिता में इसका ससम्मान अंतिम संस्कार किया है।

 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और वन मंत्री ने भी शोक जताया है। इस बाघिन ने 17 वर्ष में सात बार प्रसव के दौरान 29 शावकों को जन्म दिया था। इसका जन्म सितंबर 2005 में हुआ था। शुरुआती 10 वर्षों में इसने 10 और बाद से सात वर्षों में इसने 19 शावकों को जन्म दिया। यह कीर्तिमान है। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह बाघिन खास आकर्षण का केंद्र थी। इसे पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क की धरोहर माना जाता था। बाघों की संख्या बढ़ाने और मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में भी इसकी मुख्य भूमिका रही।

चर्चित आदिवासी महिला ने दी मुखाग्नि
सुपर मॉम बाघिन की चिता को मुखाग्नि स्थानीय आदिवासी महिला शांता बाई ने दी। नम आंखों के बीच उन्होंने कहा कि पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क की शान चली गई। हम सभी उसे बहुत याद करेेंगे। शांता बाई यहां की ऐसी चर्चित आदिवासी महिला हैं जिन्होंने अपने गांव कर्माझिरी में शराब पर पाबंदी और शिकार पर रोक लगवाई। दाह संस्कार के दौरान रिजर्व टाइगर के क्षेत्र संचालक अशोक मिश्रा, उप संचालक अधर गुप्ता, सहायक वन संरक्षक बीपीपी तिवारी, परिक्षेत्र अधिकारी आशीष खोबरा गड़े, जिला पंचायत सदस्य रामगोपाल जायसवाल, गाइड और रिसॉर्ट प्रतिनिधि मौजूद रहे।

सुपर मॉम के 29 शावकों में 23 सही सलामत
पन्ना टाइगर रिजर्व पार्क और बाघों पर विशेष दिलचस्पी व नजर रखने वाले विक्रम सिंह परिहार बताते हैं कि इस बाघिन ने अपने तीसरे प्रसव में पांच शावकों को जन्म दिया था। आमतौर पर जन्म के बाद 50 फीसदी शावक जिंदा रहते हैं, लेकिन सुपर मॉम के बच्चों का जीवन दर 80 फीसदी रहा। उसके 29 बच्चों में 23 सही सलामत हैं। इसमें अपने शावकों और इलाके को सुरक्षित रखने की जबरदस्त क्षमता थी। पन्ना टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि इसने अपना पूरा जीवन जीया। उसके निशान हर कहीं मौजूद हैं। उन्हें मिटाया नहीं जा सकता।

टी-15 था दस्तावेजी नाम
रिजर्व पार्क के अधिकारी बताते हैं कि वर्ष 2008 में इस बाघिन को रेडियो कॉलर पहनाया गया था। इसीलिए वह कॉलर वाली बाघिन कही जाती थी। टी-15 दस्तावेजी नाम दिया गया था।

इस अंदाज में मिली श्रद्धांजलि
इस रानी के शावकों की दहाड़ से मध्य प्रदेश के जंगल सदैव गुंजायमान रहेंगे। यह जंगल सुपर मॉम को हमेशा याद रखेगा। शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

सुपर टाइग्रेस मॉम कहलाने वाली बाघिन की मृत्यु वन विभाग और वन्य जीव प्रेमियों के लिए अपूर्णनीय क्षति है। वन विभाग अपनी भावांजलि अर्पित करता है।
कुंवर विजय शाह, वन मंत्री, मध्यप्रदेश

संबंधित पोस्ट

सूरत में मांझे से बाइक सवार युवक का गला कटा: 20 टांके लगाने पड़े, सांस नली को नुकसान न पहुंचने से जान बची – Gujarat News

Gujarat Desk

राजमोती ऑयल मिल के मालिक समेत तीन को उम्रकैद: ब्रांच मैनेजर हत्याकांड में 9 साल बाद आरोपियों को सजा, पीट-पीटकर मार डाला था – Gujarat News

Gujarat Desk

36 दिन बाद यूपी में सबसे ज्यादा 135 केस दर्ज: गाजियाबाद के 12 स्कूलों में फैला कोरोना, हरदोई में एक की मौत, एक्टिव केस 600 के पार

Karnavati 24 News

अनंत अंबानी से मिलकर भावुक हुई महिला: जामनगर से द्वारका तक 140 किमी की पैदल यात्रा पर हैं अनंत, 70 किमी चल चुके – Gujarat News

Gujarat Desk

कचरे के ढेर में फेंकी गई नवजात बच्ची की मौत: 16 साल की नाबालिग ने दिया था जन्म, घरवाले रात को कचरे में ढेर में फेंक गए थे – Gujarat News

Gujarat Desk

दंपती को डिजिटल अरेस्ट कर ढाई लाख ठगे: 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का डर दिखाकर 24 घंटे किया डिजिटल अरेस्ट, दो गिरफ्तार – Gujarat News

Gujarat Desk
Translate »