



गणतंत्र दिवस परेड के लिए केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की झांकियों को शामिल नहीं करने के फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यह बात कही और बताया कि कुल 12 राज्यों की झांकियां प्रदर्शित करने के लिये चुनी गई हैं। झांकियों को शामिल नहीं करने के फैसले पर उठे विवाद के बाद रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह बयान दिया।
इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। गैर-भाजपा शासन वाले कुछ राज्यों के नेताओं ने यह आरोप भी लगाया कि उनकी झांकियों के प्रस्ताव को मंजूर नहीं करना, केंद्र द्वारा उनका अपमान है। इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इन तीन राज्यों के अनुरोधों को स्वीकार करना संभव नहीं है और उनके मुख्यमंत्रियों को विनम्रतापूर्ण जवाब भेजकर झांकियों के चयन की लंबी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बता दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘फैसले की समीक्षा या पुनर्विचार करना संभव नहीं है, क्योंकि झांकी बनाने की प्रक्रिया बहुत लंबी होती है और एक विशेषज्ञ समिति काफी समय पहले ये फैसले ले लेती है।’ अधिकारियों ने बताया कि इस साल परेड में अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मेघालय, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की झांकियां होंगी। इनके अलावा परेड में केंद्र सरकार के 9 मंत्रालयों और विभागों की भी झांकियां होंगी। इस तरह कुल 21 झांकियां 26 जनवरी को परेड में प्रस्तुत की जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें इस साल झांकियों के लिये कुल 56 प्रस्ताव मिले थे।