आसाराम को सूरत के आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक बेल मिली है।
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा आसाराम सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जोधपुर जेल से निकलकर गुजरात वापस आ गया है। वह फिलहाल अहमदाबाद के साबरमती स्थित अपने आश्रम में हैं।
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आसाराम ने 12 साल की लंबी अवधि के बाद अहमदाबाद के आश्रम में प्रवेश किया है। आसाराम को सूरत के अपने आश्रम में महिला अनुयायी से रेप के मामले में 31 मार्च तक बेल मिली है।
खबर मिलते ही मोटेरा आश्रम पहुंचे साधक
सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम सशर्त जमानत दी है। जोधपुर जेल में सजा काट रहा आसाराम जमानत पर रिहा होने के 10 साल बाद अहमदाबाद के मोटेरा आश्रम में दाखिल हुआ ।
जमानत की शर्त यह है कि आसाराम अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकेंगे। हालांकि, जैसे-जैसे इसके बारे में साधकों को पता चला है, वे आश्रम पहुंचने लगे हैं। पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया तथा आश्रम में स्थिति न बिगड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे गश्त शुरू कर दी गई है।
आसाराम 2 मामलों में गुनहगार
जोधपुर कोर्ट: आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल तक लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गांधीनगर कोर्ट: आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
जेल में की थी महिला वैद्य की मांग
आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने से पहले मेडिकल चेकअप करवाया गया था तब वह स्वस्थ था। उसे कोई भी बीमारी नहीं थी। जेल में जाने के एक महीने बाद ही आसाराम ने पहली बार अपनी त्रिनाड़ी शूल बीमारी का जिक्र किया था। 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था, ‘करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाडी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं।
मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी। मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए। इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था। डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी।’
बेटा भी दुष्कर्म केस में सूरत की लाजपोर जेल में है बंद आसाराम को अप्रैल 2018 में जोधपुर स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था। जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके बाद अप्रैल 2019 में सूरत की एक अदालत ने उनके पुत्र नारायण साईं को बलात्कार का दोषी ठहराया था। साईं सूरत की लाजपोर जेल में कैद है।