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यूपी चुनाव 2022: यूपी में छोटे दलों की बड़ी मांग, गठबंधन में सीटों की ज्यादा मांग बनी चुनौती

राज्य में छोटे के दलों के साथ सियासी गठबंधन का प्रयोग पिछले चुनावों में बीजेपी ने किया था और पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के साथ करार किया था और इस चुनाव में अपना दल को 2 सीटें मिली थी.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनाव (UP Election 2022) की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी दलों में सीटों पर प्रत्याशी तय करने शुरू कर दिए हैं. हालांकि अभी तक किसी भी सियासी दल ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है. लेकिन जिन सियासी दलों ने छोटे दलों से राज्य में गठबंधन किए हैं. उनके लिए सीटों का बंटवारा बड़ी मुसीबत बन गया है. क्योंकि छोटे दलों की बड़ी डिमांड है और वह अपने जनाधार से कई गुना ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं. क्योंकि छोटे दलों को मालूम है कि अगर बड़े दलों का वोट ट्रांसफर हो जाए, तो उनके लिए विधानसभा में पहुंचना आसान हो जाएगा. लिहाजा ये दल ज्यादा से ज्यादा सीटें मांग रहे हैं.

राज्य में छोटे के दलों के साथ सियासी गठबंधन का प्रयोग पिछले चुनावों में बीजेपी ने किया था और पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अपना दल के साथ करार किया था और इस चुनाव में अपना दल को 2 सीटें मिली थी. वहीं इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना दल और सुभासपा के साथ गठबंधन बनाया था और तीनों दलों का गठबंधन 325 सीट जीतने में कामयाब रहा. लेकिन राज्य में 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सुभासपा के साथ गठबंधन टूट गया है. वहीं राज्य में समाजवादी पार्टी ने सुभासपा के साथ गठबंधन किया है. अगर देखें तो सुभासपा ने 2017 में एक फीसदी से भी वोट हासिल किया था और उसके बावजूद वह राज्य में 4 सीटें जीतने में कामयाब रही है जबकि कांग्रेस छह फीसदी से ज्यादा वोट हासिल कर महज सात सीटों पर ही सिमट गई थी. लिहाजा छोटे दल बड़े दलों के साथ गठबंधन कर रहे हैं.

2017 में 11 सीटों पर लड़ी थी अपना दल
राज्य में हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना दल से करार किया था और बीजेपी ने उसे 11 सीटें दी थी और वह 9 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही जबकि सुभासपा को बीजेपी ने आठ सीटें दी थी और उसने चार सीटें जीती. वहीं अब अपना दल इस बार विधानसभा चुनाव में दो दर्जन सीटों पर दावा कर रही है. वह अपने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर सीटों की मांग कर रही है. जबकि इस बार बीजेपी ने निषाद पार्टी के गठबंधन किया और वह भी दो दर्जन से ज्यादी सीटों का दावा कर रही है. इसके लिए पार्टी ने निषाद वोटर बहुल 25 सीटों की लिस्ट बीजेपी को सौंपी है.

एसपी पर सीटों के बंटवारे का बढ़ा दबाव
वहीं समाजवादी पार्टी ने राज्य के करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा छोटे दलों के साथ करार किया है. एसपी ने आरएलडी, सुभासपा, पीएसपी समेत कई दलों से करार किया है और इसमें अकेले आरएलडी तीन दर्जन सीटों की मांग कर रही है. जबकि सुभासपा अपने प्रदर्शन के आधार पर दो दर्जन सीटों के लिए एसपी पर दबाव बनाए है. जबकि पीएसपी 100 सीटों की मांग कर रही है. इसके साथ ही अन्य छोटे दल भी आधा दर्जन से एक दर्जन सीटों की मांग कर रहे हैं.

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