सीएम से मिलने से पहले 500 से अधिक कर्मचारी हिरासत में लिए गए।
गुजरात पंचायत विभाग के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने लंबित मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी गुरुवार को मुख्यमंत्री से मिलने गांधीनगर पहुंचे। जिसे लेकर गांधीनगर पुलिस शिविर में तब्दील हो
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स्वास्थ्य मंत्री ने हड़ताल को अनुचित बताया स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होने के जोखिम को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘एस्मा’ (आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम) लागू किया है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की यह हड़ताल पूरी तरह अनुचित है। अगर कर्मचारियों ने जल्द ही हड़ताल खत्म नहीं की तो सरकार अब सख्त कदम उठाएगी।
स्वास्थ्य कर्मियों की मांगें स्वास्थ्य कर्मियों की मुख्य मांगों में एमपीएचडब्ल्यू, एफएचडब्ल्यू, एमपीएचएस, एफएचएस, टीएमपीएच, टीएचवी और जिला स्तरीय स्वास्थ्य पर्यवेक्षक संवर्ग को तकनीकी संवर्ग में शामिल करना और ग्रेड-पे संशोधन शामिल हैं। इसके अलावा एमपीएचडब्ल्यू-एफएचडब्ल्यू संवर्गों को विभागीय परीक्षाओं से छूट देने की भी मांग की गई है। सरकार से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का हथियार उठा लिया है।
स्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ के अनुसार पिछले दो वर्षों से सरकार को बार-बार ज्ञापन दिया जा रहा है, लेकिन कोई समाधान न होने पर सरकार को 1 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया गया था।