मकर संक्रांति के दिन सूरत में 300 से ज्यादा घायल पक्षियों को अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया था। इसी तरह पालनी बर्ड्स हॉस्पिटल में भी 100 से ज्यादा घायल पक्षी लाए गए थे। यहां पक्षियों के इलाज के साथ-साथ दो कबूतरों के पंख भी ट्रांसप्लांट किए गए।
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30 मिनट में ही कर दी गई सर्जरी पालनी बर्ड्स हॉस्पिटल से मिली जानकारी के मुताबिक, दोनों कबूतरों के एक-एक पंख मांझे से बुरी तरह कट गए थे। जांच में पता चला कि कबूतरों के पंखों की हड्डी का गोला सुरक्षित था। इसलिए 30 मिनट में ही दोनों कबूतरों की सर्जरी कर दी गई। इनमें एक मृत कबूतर के पंख ट्रांसप्लांट किए गए। इस तरह दक्षिण गुजरात में पहली बार बर्ड विंग ट्रांसप्लांट किया गया।
पक्षियों के अलावा सैकड़ों की संख्या में पशु भी घातक मांझे का शिकार हुए।
अंगदान के लिए पहचाना जाता है सूरत सूरत अंगदान के लिए देशभर में मशहूर है, जिसने देश-विदेश में कई लोगों को नई जिंदगी दी है। आमतौर पर मानव अंगदान के मामले देखने को मिलते हैं, लेकिन सूरत में पक्षी अंगदान पहली बार हुआ है। मृत पक्षियों के कारण घायल पक्षियों को नई उड़ान मिल गई है।