खंडवा एमपी। खंडवा कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया। अगस्त 2014 में सुशील पुंडगे हत्याकांड के बाद कर्फ्यू के दौरान पुलिस पर हमला हुआ था। उसी मामले में कोर्ट से फैसला सुनाते हुए 40 आरोपियों को 7-7 साल कैद की सजा सुनाई। 6500-6500 रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया गया। घटना शहर के घासपुरा स्थित बांग्लादेश में हुई थी, केस में 47 आरोपी थी। इनमें दो फिरोज और सद्दाम बरी हो गए, एक की मौत हो गई तथा चार नाबालिग थे। फैसले के दौरान कोर्ट परिसर में भारी पुलिस फोर्स तैनात रहा। 30 जुलाई 2014 को थाना मोघट क्षेत्र के इमलीपुरा में मृतक सुनील कुमार पिता नारायण निवासी नर्मदापुरम की हत्या के उपरांत खंडवा शहर में साम्प्रदायिक तनाव होने व जगह-जगह पथराव की घटना होने से जिलाधीश खंडवा ने शांति व्यवस्था बनाये रखने हेतु धारा 144 लगा रखी थीं। इसी कानून व्यवस्था के दौरान 1 अगस्त 2014 को घासपुरा क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला हो गया। मोहल्ले के कुछ महिला-पुरुष व असमाजिक तत्वों द्वारा जोर-जोर से एकमत एक राय होकर अश्लील गाली देते हुए कहा- हम लोगों का जीना हराम कर रखा है, घर से निकलने नहीं दे रहे हैं। कोई पुलिस वाला मोहल्ले में नहीं घुसेगा। यदि घुसा तो जान से खत्म कर देंगे। इतने में कुछ लोग लाठी, डंडे, कुल्हाडी, पत्थर लेकर निकले। पत्थर से हम पर निशाना लगाकर पथराव कर दिया। इसी समय थाने से टीआई अनिल शर्मा अपने फोर्स के साथ पहुंचे। जिसमें एसआई विजयसिंग परस्ते, टीकाराम कुर्मी, एसआई गीता जाटव अलग-अलग बल के साथ आएं। जिन्हें देखकर शरारती तत्वों द्वारा अत्याधिक रोष से पथराव किया गया। उपद्रवियों में से फारूख पिता रफीक टाउ निवासी बांग्लादेश ने टीआई अनिल शर्मा को जान से मारने की नीयत से एक बड़ा पत्थर फेंक कर मारा। जो उनके हेलमेट पर लगा, जिससे हेलमेट को क्षति हुई, फारूख पत्थर मारकर वहां से भाग गया। जिसके बाद आवश्यक बल प्रयोग कर घेराबंदी कर 40 व्यक्तियों को पकड़ा गया।