करवा चौथ देश में ही नहीं लोग विदेश में भी मनाते हे। इस बार की करवा चौथ १३ अक्टूबर के दिन आ रही हे। ये व्रत पति के सरे संकट हरने और उनकी लम्बी निरोगी आयु के लिए करा जाता हे। आइये सुनते हे माँ करवा की कहानी जिनसे ही करवा चौथ की शुरुआत हुई।
कहानी :
देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहती थी। एक दिन देवी करवा के पति नदी में स्न्नान करने गए तो मगरमछ ने उनका पैर पकड़ लिया। और नदी में खींचने लगा , मोत को सामने देखकर उन्होंने देवी करवा को आवाज लगाई। उन्होंने देखा अपने पति को तो वे तुरंत एक कच्चा धागा ले आई और मगरमछ को पेड़ से बांध दिया। करवा सत्यवती थी तो उस कच्चे धागे को मगरमछ नहीं तोड़ पाया। तब उन्होंने यमराज का आवाहन किया और अपने पति के लिए जीवनदान और मगरमछ के लिए मुर्त्युदण्ड माँगा। वे बहुत ही पवित्र नारी थी जिससे यमराज भी न कर नही पाए और उनके पति को जीवनदान दिया।