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सिर्फ मन को शांत ही नहीं बल्कि एकाग्रता भी बढ़ता हे गायत्री मंत्र।

गायत्री मंत्र के उच्चारण से हम अपने क्रोध को शांत कर सकते है, गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से शरीर की अनेक बीमारियों से भी छुटकारा मिल सकता है। ऐसा माना गया है कि इसके उच्चारण से रक्त का संचार सही तरह से होता है इसके अलावा अस्थमा रोगियों के लिए भी इसका जप यह बेहद लाभकारी बताया है।

रोज़ घर से बाहर जाते समय 5 या 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए, इससे समृद्धि सफलता, सिद्धि और उच्च जीवन की प्राप्ति होती है। जब भी किसी मंदिर में में प्रवेश करें तो 12 बार परमात्मा के दिव्य गुणों को याद करते हुए गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

इस मंत्र के जाप से भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की उपलब्धियां प्राप्त होती हैं. शिक्षा, एकाग्रता और ज्ञान के लिए गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार आकाशवाणी से ही सृष्टि के रचयिता को गायत्री मंत्र प्राप्त हुआ था. गायत्री मंत्र को सभी मंत्रों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है

 इस मंत्र का मानसिक जप किसी भी समय किया जा सकता है. – गायत्री मंत्र जप करने वाले का खान-पान शुद्ध और पवित्र होना चाहिए. किंतु जिन लोगों का सात्विक खान-पान नहीं है, वह भी गायत्री मंत्र जप कर सकते हैं.

केवल गर्भवती महिलाओं को मंत्र जाप करने की अनुमति नहीं है । हिंदू परंपराओं के अनुसार, गायत्री मंत्र जबरदस्त ऊर्जा लाता है। जबकि यह ऊर्जा किसी भी इंसान के लिए फायदेमंद होती है, ऐसी उच्च ऊर्जा भ्रूण के लिए खराब हो सकती है।

 शुक्रवार को देवी की आराधना के लिए नियत किया गया प्रमुख दिन होता है, तो गायत्री मंत्र के जाप से उनकी आराधना करें।

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