मुंबई की मेयर किशोरी पेडणेकर का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़ी बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने शिवसेना के नेताओं की प्रशंसा की और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। मेयर ने केन्द्रीय जाँच एजेंसियों के छापे पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। किशोरी पेडणेकर ने कोरोना काल में बीएमसी और प्रदेश गवर्नमेंट द्वारा उठाए गए कदमों की भी प्रशंसा की।
मेयर ने कहा, ” मैं भगवान का धन्यवाद देती हूं कि मेरे कार्यकाल के दौरान कई वस्तुें हुईं। मैं यह नहीं कहती कि केवल मैंने ही अच्छा कार्य किया है। यह कार्य मेरा कर्तव्य था और मैंने पूरे मन से यह किया। मैं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी धन्यवाद देती हूं, जनों ने मुझ पर भरोसा किया। मेरे कार्यकाल में मुझ पर बीजेपी नेता किरीट सोमैया के अलावा किसी ने इल्जाम नहीं लगाया।”
किशोरी पेडणेकर ने कहा, “मुंबईकर शिवसेना के साथ हैं और महापौर शिवसेना का ही रहेगा। जब तक दूसरे महापौर का चयन नहीं हो जाता तब तक मैं कार्यवाअधिकार महापौर रहूंगी। यदि मुंबई में कहीं कुछ होता है तो वहां वहां जाऊंगी और लोगों की सेवा करूंगी। मुझे नहीं पता कि लोकल बॉडी के चुनाव कब होंगे, लेकिन यह जल्द होने चाहिए।”
दिशा वर्षियान की मृत्यु के मामले में मालवाड़ी पुलिस स्टेशन में लंबी पूछताछ के बाद केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा था कि दिशा वर्षियन की मां के पास मेयर और महिला इनकमोग के कुछ मेम्बर गए थे और उन्होंने परिजनों को उकसाया जिसके बाद यह सब हुआ। इस पर किशोरी पेडणेकर ने पलटवार किया और कहा, हमने किसी को नहीं उकसाया। यह बोलते हैं कि इनके पास सबूत है और वह CBI को देंगे तो आप रुके क्यों हो जल्दी दे दो। हम तैयार हैं।”
मेयर ने कहा, ” बीजेपी के विधायक नितेश राणे कहते हैं कि 24 घंटे के लिए पुलिस हटा दो तब हम बताएंगे। हम कहते हैं कि 24 घंटे के लिए ईडी और CBI हटाओ तब हम बताएंगे। हालांकि हम लोकतांत्रिक तरीके से कार्य करते हैं और इसी तरह करते रहेंगे।” मेयर ने कहा कि ईडी, CBI और आईटी लोगों के विरूद्ध कार्रवाई करती है, लेकिन यदि भी बीजेपी में चले जाएं तो साधु हो जाते हैं। अबकी बार मुंबई का मेयर मुंबई यानी शिवसेना का ही होगा। भगवा रंग ही लहराएगा। ”
किशोरी पेडणेकर ने कहा, ” नवंबर 2019 में मुंबई के मेयर का चुनाव हुआ और मैं जीत कर आई। लेकिन 14 फरवरी 2020 से कोरोना की आरंभ हुई और 20 मार्च को लॉकडाउन भी लग गया। लॉकडाउन लगाना सबसे बड़ी चुनौती थी। दशा डरावना थे लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने धैर्य और खामोशि से फैसला लिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन, आईसीएमआर और टास्क फोर्स की सहायता से हमने दिशाआदेश बनाए और उसका पालन किया।” मेयर ने कहा, ” चिकित्सक और नर्सों ने पूरी मेहनत के साथ कोरोना काल में लोगों की सहायता की है। इसका नतीजा ऐसा हुआ कि दूसरी और तीसरी लहर आने के पहले ही मुंबई महानगरपालिका संभल गई और हम सबने मिलकर कोरोना को हराया।“