दत्तात्रेय भाजपा पार्टी के एक जाने-माने नेता है. इनका जन्म आंध प्रदेश के हैरेटाबाद में 12 जून 1947 को जन्म हुआ. बीजेपी के सीनियर नेता बंडारू दत्तात्रेय को गृअधिकार्षेत्र ऑयलंगाना में पीपुल्स लीडर के नाम से जाना जाता है. वह 7 जुलाई 2021 से हरियाणा के गवर्नर हैं और 16वीं लोकसभा में सांसद व केन्द्रीय श्रम एवं राेजगार राज्यमंत्री के रूप में कार्य भी किया हैं. मई, 2014 में बंडारू सिकंरेटाबाद से 16वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए. उन्होंने कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार एम अंजन कुमार यादव को हराया था. उन्होंने 1 सितंबर, 2014 से 9 नवंबर, 2014 तक, रेलवे की स्थायी समिति के मेम्बर के पद पर भी कार्य किया. बता दें कि, बंडारू अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण पर संसदीय समिति के अध्यक्ष भी रह चुके है.
बंडारू दत्तात्रेय का पॉलिटिक्सक करियर
संघ प्रचारक के तौर पर बंडारू दत्तात्रेय का पॉलिटिक्सक करियर शुरू हुआ था. पूर्व केन्द्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय (Bandaru Dattatreya) पहली बार वर्ष 1991 में दसवीं लोकसभा के लिए चुने गए थे. फिर 1988 में वाजपेयी गवर्नमेंट के दौरान उन्हें शहरी विकास मंत्री बनाया गया. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की गवर्नमेंट में बंडारू को केन्द्रीय राज्यमंत्री श्रम एवं रोजगार मंत्री बनाया गया. लोक सभा चुनाव के समय बंडारू दत्तात्रेय को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया था. जब राष्ट्र में आपातकाल लागू हुआ थो तो उन्हें अरैस्ट भी कर लिया गया था. वर्ष 1980 में बंडारू दत्तात्रेय ने भाजपा की सदस्यती ली थी. सदस्यता हासिल करने के बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश यूनिट के हकीकतिव के तौर पर कार्य किया था. दो बार के आंध्र प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष के साथ-साथ बंडारू भाजपा के देशीय उपाध्यक्ष भी रह चुके है.
पॉलिटिक्सक करियर पर डालिए नजर
-5 मार्च 2018 को, बंडारू हैरेटाबाद यूनिवर्सिटी के कोर्ट के मेम्बर बने.
-1 सितंबर, 2017 को वे वित्त संबंधी स्थायी समिति के मेम्बर बने.
-वे बीजेपी की देशीय घोषणापत्र समिति के मेम्बर बने.
-15 सितंबर, 2014 से 9 नवंबर, 2014 तक, वह लोक सभा के मेम्बरों के साथ गवर्नमेंटी अधिकारियों के प्रोटोकॉल मानदंडों और अवमानना व्यवहार के उल्लंघन पर समिति के मेम्बर बने.
-वह स्वैच्छिक संगठनों के महाहकीकतिव, संयुक्त हकीकतिव, एपी चक्रवात समिति (आरएसएस) थे.
-वह तंबाकू बोर्ड, नारियल बोर्ड, रेलवे सलाअधिकारार समिति और टेलीफोन सलाअधिकारार समिति के मेम्बर थे.