लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण के लिए मतदान होते ही दूसरे चरण के चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। दूसरे चरण में 55 सीटों पर मतदान होगा. दूसरे चरण में भी कुल उम्मीदवारों में 25 फीसदी से अधिक उम्मीदवारों के ऊपर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। सबसे अधिक 67 प्रतिशत आपराधिक छवि के नेताओं को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया है, भाजपा ने भी 34 फीसदी दागियों को अपना उम्मीदवार बनाया है।
चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली संस्था यूपी इलेक्शन वॉच और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने दूसरे चरण के प्रत्याशियों का लेखा-जोखा जारी कर दिया है। दूसरे चरण में कुल 586 उम्मीदवार मैदान में हैं जिसमें 584 का शपथपत्र एडीआर ने खंगाला है। रिपोर्ट के अनुसार इसमें 147 उम्मीदवार (45फीसदी) आपराधिक छवि वाले हैं। वहीं, 19 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर अपराधों से जुड़ी धाराएं लगी हैं।
दूसरे चरण में 6 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े मामले होने की भ बात कबूली हैं। एक उम्मीदवार के ऊपर हत्या तो 18 उम्मीदवारों के ऊपर हत्या के प्रयास के भी मुकदमे हैं। दलों की बात करें तो सपा के 52 में से 25, कांग्रेस के 54 में से 16, बसपा के 55 में से 15, बीजेपी के 53 में से 11, आरएलडी के 3 में से एक और आप के 49 में से 6 उम्मीदवारों के ऊपर गंभीर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।
योगी सरकार के निशाने पर रहे सपा सांसद आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम का दामन सर्वाधिक दागदार है। आजम पर 87 तो अब्दुल्ला पर 43 मुकदमे हैं। दूसरे चरण की 55 सीटों में 29 ऐसी सीटें हैं, जहां चुनाव लड़ रहे तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों के ऊपर आपराधिक मुकदमे हैं।
दूसरे चरण में दागी-दबंग प्रत्याशी तो हैं ही इसके साथ-साथ सभी दलों ने चुनाव में धनबलियों को मैदान में उतारने को तरजीह दी है। दूसरे चरण के 584 में से 260 उम्मीदवार करोड़पति हैं। कुल उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 4.11 करोड़ है। 44 फीसदी उम्मीदवारों पर देनदारियां भी हैं। कुल उम्मीदवारों में 33 प्रतिशत उम्मीदवार 5वीं से 12वीं के बीच ही शिक्षित हैं। 52 फीसदी उम्मीदवारों ने खुद को ग्रेजुएट या इससे अधिक पढ़ा-लिखा बताया है जबकि 67 उम्मीदवारों ने खुद को साक्षर घोषित किया है। इस चरण में 12 फीसदी उम्मीदवार महिलाएं हैं। दलवार बात करें तो कांग्रेस ने 37, भाजपा ने 9, बसपा ने 7, सपा ने 6 और आप ने 8 फीसदी टिकट महिलाओं को दिए हैं। असदद्दुीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने 16 फीसदी महिलाओं को मैदान में उतारा है।