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हरभजन सिंह का छलक पड़ा दर्द, 2015 वर्ल्ड कप को लेकर कही बड़ी बात, कहा- मैं, युवी और वीरू होते तो…

भारत ने 2007 में टी20 विश्व कप कप पर कब्जा किया था और इसके चार साल बाद टीम वनडे विश्व कप जीतने में भी सफल रही थी और इन दोनों जीतों में हरभजन सिंह शामिल थे.
भारत क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) ने 2007 में टी20 विश्व कप अपने नाम किया था और इसके चार साल बाद टीम इंडिया ने वनडे विश्व कप भी जीता था. ये दोनों विश्व कप भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जीते थे. इन विश्व कपों में टीम इंडिया की जीत के कई हीरो रहे. इसमें हरभजन सिंह, युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं. सहवाग और युवराज ने काफी पहले ही संन्यास ले लिया था और हाल ही में हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने खेल को अलविदा कह दिया है. संन्यास लेने के बाद हरभजन लगातार अपने खेल के दिनों के बारे में बयान दे रहे हैं और अब उन्होंने अपना एक पुराना दर्द बयां किया है. भारत के इस पूर्व ऑफ स्पिनर ने कहा है कि वह युवराज और सहवाग के साथ एक और विश्व कप खेलना पसंद करते.

हरभजन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “मेरे सभी पुराने साथियों जैसे युवराज सिंह और वीरेंद्र सहवाग के साथ एक और विश्व कप खेलना अच्छा होता. मैंने जब 400 टेस्ट विकेट लिए थे तब मैं सिर्फ 31 साल का था. 2011 में भी मैं 31 का था. 31 साल की उम्र में मैं अच्छा कर रहा था. मैं उस समय खेलने वाले लोगों में कई खिलाड़ियों से ज्यादा फिट था.”

मुझे नहीं पता क्या हुआ
हरभजन ने कहा कि 2011 के बाद क्या हुआ इसके बारे में उन्हें कोई अंदाजा नहीं है. उन्होंने कहा, “इसके बाद, हालांकि चीजें हमारे पक्ष में नहीं गईं. मुझे नहीं पता क्या हुआ और कौन इसके पीछे था. लेकिन जो हुआ वो जा चुका है. उसके बारे में बात करने का कोई मतलब नहीं है. लेकिन हां, युवी, वीरू के साथ एक और विश्व कप खेलना अच्छा होता. गौतम गंभीर के साथ भी. हम लोग 2015 विश्व कप टीम का हिस्सा बनने के लिए काफी फिट थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.”

हमारे हाथ में नहीं था ये
हरभजन ने कहा कि टीम चयन उनके हाथ में नहीं था लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि जो भी मौके उन्हें मिले, उनका उन्होंने पूरा फायदा उठाया. हरभजन ने कहा, “ये ऐसी चीजें थी जो हमारे हाथ में नहीं थीं. मुझे बस इतना कहना है कि जो भी मौके हमें मिले, हमने जो भी भारतीय क्रिकेट के लिए किया, उससे मैं खुश हूं. मैं उसके लिए बीसीसीआई का हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा. लोगों ने 2012, 2013 और 2014 के पीरियड के बारे में काफी कुछ कहा कि ये लोग जिन्होंने भारत को विश्व कप दिलाया वो खिलाड़ी क्यों नहीं खेले. इसका मेरे पास जवाब नहीं है, लेकिन आपको बीसीसीआई से पूछना चाहिए कि हम लोग क्यों नहीं खेले.”

उन्होंने कहा, “हम लेट 30 में भी नहीं थे. हम 30 की उम्र में आए ही थे. मैं 31 का था, वीरू 31-32 का था. युवी 29-30 का था.लेकिन हमें दोबारा विश्व कप खेलने का मौका नहीं मिला जो काफी अजीब है.”

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