सूरत में दो दिन जलता रहा टेक्सटाइल मार्केट।
गुजरात में सूरत के रिंग रोड स्थित शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट में लगी भीषण आग बुझ तो गई है, लेकिन इस पर कई सवाल उठ रहे हैं। बेसमेंट में लगी आग बुझा देने के बाद दोबारा आग कैसे लगी, इस पर संदेह हो रहा है। आग कैसे लगी इसका कारण नहीं पता चल सका है। अब सरक
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राज्य अग्निशमन निदेशक अनिल चावड़ा गुरुवार को गांधीनगर से शिवशक्ति मार्केट पहुंचे। उन्होंने कहा कि सभी तरह की जानकारी जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। एफएसएल जांच करेगी। 60 से अधिक दमकलों के साथ 200 फायर फाइटर्स ने करीब 90 लाख लीटर पानी से आग बुझाई।
दुकान में रखे 20 करोड़ रुपए राख हुए
दो दिन में 90 लाख लीटर पानी डालकर बुझाई गई आग।
आग से इमारत की 450 दुकानें खाक हो चुकी हैं, लेकिन आग अब भी नहीं बुझी है। इसी आग में एक दुकान में रखे 20 करोड़ रुपए राख हो गए। कारोबारी ने गुहार लगाई कि दुकान में 20 करोड़ रुपए रखे हैं। यह नकदी अलग-अलग पार्टियों की है। जल गई तो बर्बाद हो जाऊंगा। लेकिन दुकान लपटों से घिरी होने से उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। हालांकि एक अन्य कारोबारी 45 लाख रुपए निकालने में सफल रहा।
इमारत की चौथी और पांचवीं मंजिल की कई दुकानें ढह गईं, स्लैब गिर गए। तापमान 1000 डिग्री से अधिक होने से इमारत का पूरा स्ट्रक्चर खराब हो गया है। सलाबतपुरा थाने के इंस्पेक्टर केडी जडेजा ने कहा कि जांच के बाद सही कारण पता चलेगा। 700 दुकानें जलने और 850 करोड़ रुपए के नुकसान का अंदाजा है।
एक बिल्डर ने 1 वर्ष तक मुफ्त दुकान देने का दिया ऑफर
सरिए मुड़ने से छत बैंड हुई। पूरी इमारत का स्ट्रक्चर बर्बाद हो गया है।
राजस्थान युवा संघ, जिला कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री से राहत देने की मांग की है। एसजीटीटीए मार्केट के व्यापारियों को हर संभव मदद करेगा। एक बिल्डर ने अपने मार्केट में एक साल तक व्यापारियों को मुफ्त दुकान देने की घोषणा की है। अन्य मार्केट भी दुकान देने के लिए आगे आए हैं।
खिड़कियों के पास इतने कपड़े रखे थे कि हवा भी नहीं जा पाए
आग से व्यापारियों को करीब 850 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
शिवशक्ति मार्केट के बेसमेंट में मंगलवार को आग लगी थी, जिस पर हमने रात 9 बजे तक पूरी तरह से काबू पा लिया था। यह सुनिश्चित किया था कि आग दोबारा न भड़के, लेकिन बुधवार को सुबह हमें सूचना मिली कि आग फिर से लग गई है। हमारी टीम जब मौके पर पहुंची, तो पता चला कि इस बार आग पहली और दूसरी मंजिल तक फैल चुकी है।
ब्रिगेड के जवान अंदर नहीं जा पा रहे थे
मार्केट इमारत ऐसी कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां अंदर नहीं घुस पाईं।
यह आग कैसे लगी, यह जांच का विषय है। बुधवार को 40 जवानों को 5 टीमों में भेजा गया। अंदर घना धुआं और अत्यधिक गर्मी थी, जिससे फायर फाइटिंग बेहद मुश्किल हो गई थी। दीवारें गर्म हो चुकी थीं। दुकानों में दो मंजिल बना दी गई थी, जिससे अंदर जाने के रास्ते पूरी तरह बंद थे। हम ऑक्सीजन सपोर्ट से सांस तो ले पा रहे थे, लेकिन घने धुएं से कुछ भी साफ नजर नहीं आ रहा था। हमारे एक फायर ऑफिसर जयदीप इसरानी फिसल गए, उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया। कई जवानों की हथेलियां छिल गईं।
मार्केट में आग लगाने का शक है?
मार्केट में पर्याप्त रास्ता न होने के बावजूद इसे अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया था।
इस सवाल के जवाब में मेयर दक्षेश मेवाणी ने कहा- आग लगने की टाइमिंग संदेह पैदा होता है। मंगलवार को बेसमेंट की आग बुझा दी थी। अगर दोबारा आग लगती तो बेसमेंट में लगती। यह तीसरी-चौथी मंजिल पर लगी। पूरी रात आग की कोई घटना नहीं हुई। आखिरकार सुबह जब व्यापारी आए तब आग की सूचना दी गई। सूचना भी बड़ी आग की दी गई थी। इससे शक पैदा होता कि किसी ने कुछ दुकानों का इंश्योरेंस लेने के लिए आग लगाई हो। जिससे पूरा मार्केट जल गया।