



साउथ दिल्ली के वसंत कुंज दक्षिण इलाके में कुत्तों के काटने से दो मासूमों की मौत के मामले में निगम की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि पहले बच्चे की मौत के बाद रंगपुरी पहाड़ी में स्थित जंगलों में से कुत्तों को पकड़ने के लिए निगम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।
लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर निगम ने वक्त रहते इन खूंखार कुत्तों पर कार्रवाई की होती और पहले बच्चे की मौत के बाद ही इन्हें पकड़ लिया होता तो आज एक ही मां को अपना दूसरा बच्चा खोना नहीं पड़ता। बतां दे कि इस खौफनाक हादसे के बाद इलाके के लोगों में डर का माहौल है। लोगों को कुत्तों से अपने बच्चों की जान का खतरा सता रहा है। जानकारी के मुताबिक, कुत्तों को पकड़ने के लिए रविवार को निगम के कई वाहन मौके पर पहुंचे थे और कई कुत्तों को पकड़कर ले गए थे।
स्थानीय पार्षद ने भी लगाया आरोप
इस मामले में स्थानीय पार्षद ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह कई बार अपने क्षेत्र से कुत्तों को उठाने की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन डॉग लिफ्टिंग एजेंसी के ठेके का नवीनीकरण नहीं करने का बहाना बतां कर निगम कार्रवाई से बच रहा था, लेकिन अब एक और बच्चे की मौत हुई तो निगम अधिकारियों की नींद उड़ गई और उन्होंने कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वसंतकुंज इलाके में 8 से 10 आवारा कुत्तों ने शुक्रवार को 7 साल के आनंद और रविवार को उसके छोटे भाई 5 वर्षीय आदित्य पर हमला कर माल डाला था। दोनों भाईयों के शरीर पर कुत्तों के नोंचने के काफी निशान पाए गए हैं। दूसरी तरफ कुत्तों के आतंक से सिंधी कैंप व आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई है।