बिहार में महत्वाकांक्षी दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड परियोजना पर काम जल्दी शुरू हो सकता है। पूर्वी भारत में सबसे लंबी एलिवेटेड रोड होने का दावा किया गया है। चार लेन वाली 21 किमी लंबी सड़क, बिहटा एयर बेस पर प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव में वाहनों के प्रवेश के लिए 600 मीटर लंबी सुरंग होगी। परियोजना में चार स्थानों पर रैंप भी बनाए जाएंगे। इसके लिए वित्तीय बोली प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
केन्द्र सरकार एलिवेटेड रोड की निर्माण लागत वहन करेगी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में केंद्र ने फैसला किया था कि वह एलिवेटेड रोड की निर्माण लागत वहन करेगी और राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण की लागत का खर्च उठाएगी। सड़क निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वित्तीय बोलियां कुल मिलाकर 11 फर्मों से प्राप्त हुई हैं। स्वीकृति पत्र 15 दिनों में जारी किया जा सकता है और फिर 30 दिनों में परियोजना के लिए एक समझौता किया जा सकता है।
परियोजना को 3,737.51 करोड़ का उपयोग कर 30 महीने में पूरा करने का लक्ष्य
दानापुर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय के पास से एलिवेटेड रोड शुरू होगी और कोइलवर में समाप्त होगी। चार बाईपास होंगे। शिवाला और बिहटा-नौरगंज, पैनाल, कन्हैली और बिशुनपुरा। इस परियोजना को 3,737.51 करोड़ रुपये की धनराशि का उपयोग करके 30 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना में बिहटा और कोईलवर के बीच एक ही खंड में चार छोटे पुलों के साथ एक अंडरपास के निर्माण की भी परिकल्पना है। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ना चाहती है, जो एक्सप्रेसवे को भागलपुर तक विस्तारित करने में मदद करेगी।