वाराणसी उत्तर प्रदेश।
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर से संबंधित वह सभी मुकदमे जो विश्व वैदिक सनातन संघ देख रहा है, उनकी पावर ऑफ अटॉर्नी CM योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी। यह जानकारी शनिवार को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सभी कानूनी कार्रवाई आगामी 15 नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी। पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) सामान्य शब्दों में एक कानूनी व्यवस्था है, जो एक व्यक्ति को दूसरे की ओर से कार्य करने की अनुमति देती है। कानून के अनुसार, यह एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है। यह किसी व्यक्ति को उसकी अनुपस्थिति में उसकी संपत्ति, चिकित्सा मामलों और वित्त का प्रबंधन करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को नियुक्त करने की अनुमति देता है। अधिकृत व्यक्ति को एजेंट या पावर ऑफ अटॉर्नी एजेंट कहा जाता है। नियमों और शर्तों के आधार पर अधिकृत एजेंट के पास संपत्ति, चिकित्सा मामलों और वित्त से संबंधित कानूनी निर्णय लेने के लिए व्यापक या सीमित अधिकार हो सकते हैं। यह पावर ऑफ अटॉर्नी एक्ट, 1888 द्वारा शासित होता है।