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कोविड वैक्सीन की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट में चली लंबी बहस, सरकार ने कहा- हर पहलू पर देंगे जवाब

राष्ट्र में कोरोना वैक्सीन लगवाने की अनिवार्यता को लेकर उच्चतम न्यायालय में आज लंबी बहस हुई। याचिकाकर्ता की तरफ से जिरह करते हुए जाने-माने एडवोकेट प्रशांत भूषण ने यह तक कहा कि उन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है। भूषण की दलील थी कि गवर्नमेंट ने वैक्सीन के सुरक्षित होने को लेकर कोई जानकारी लोगों के सामने नहीं रखी। इस बात का भी कोई सुबूत नहीं है कि क्या वाकई स्वस्थ लोगों को इसे लगाने की ज़रूरत है। उत्तर में गवर्नमेंट ने कहा कि उसने वैक्सीन लगवाने को जरूरी नहीं बनाया है। याचिकाकर्ता की तरफ से दी गई सभी दलीलों का मंगलवार को विस्तृत उत्तर दिया जाएगा।

देशीय टीकाकरण अभियान के तकनीकी सलाअधिकारारों में से एक रह चुके जैकब पुलियल की तरफ से मामले में याचिका दाखिल की गई है। इसमें में यह कहा गया है कि कई प्रदेशों ने ऐसे नियम बना दिए हैं जिनके चलते कोरोना का टीका लगवाना जरूरी हो गया है। इन प्रदेशों में वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों को कई तरह की गवर्नमेंटी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।
दुनिया के कई राष्ट्रों में वैक्सीन की अनिवार्यता समाप्त की गई है।समाचारीलैंड के उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों ऐसा फैसला दिया है। याचिकाकर्ता के लिए पेश एडवोकेट प्रशांत भूषण ने अमेरिकी एडवोकेट रॉबर्ट एफ केनेडी, जूनियर की एक पुस्तक का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि बड़ी दवा कंपनियां कई बार अपने फायदे के लिए अंतर्देशीय और देशीय नीतियों को असरित करती है।
भूषण की दलीलें थोड़ी देर सुनने के बाद जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की बेंच ने कहा, “वैक्सीन सुरक्षित है या नहीं? यह एक वैज्ञानिक विषय है। हम इसके जानकार नहीं हैं।” इस पर भूषण ने कहा, “स्वस्थ लोगों को वैक्सीन की ज़रूरत नहीं है। कई रिपोर्ट में यह सामने इनकमा है कि बच्चों के लिए कोरोना वायरस प्राणघातक नहीं है। लेकिन अब उन्हें भी वैक्सीन लगाने की तैयारी चल रही है।”
भूषण ने कहा कि बच्चों को वैक्सीन लगाने से उनके दिल पर प्रभाव पड़ने का अंराष्ट्रा हो सकता है। इस पर सेंट्रल गवर्नमेंट के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि भूषण एस्ट्रोजेनिका और दूसरे वैक्सीन की बात कर भ्रम पैदा कर रहे हैं। हिंदुस्तान मे बच्चों को कोवैक्सिन दिया जाएगा। यह पूरी तरह सुरक्षित है। प्रशांत भूषण ने यह दलील भी दी कि यदि किसी को वैक्सीन से कोई हानि होता है, तो इसे रिपोर्ट करने की आसान व्यवस्था बनाई जानी चाहिए।
आज की सुनवाई के अंत में ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वह सभी पहलुओं का उत्तर देंगी। टीका लगवाने योग्य जाहीरियों के टीकाकरण का लक्ष्य 96 फीसदी तक पूरा हो चुका है। अब इसमें दखल नहीं दिया जाना चाहिए। भाटी ने मज़किया लहज़े में कहा कि याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने एक तो वैक्सीन नहीं लगवाया, उस पर न्यायालय में मास्क हटा कर बहस कर रहे हैं। सब को यहां से जल्दी निकल जाना चाहिए। भूषण ने मुस्कुराते हुए कहा कि उन्हें तो इस समय हल्का जुकार्य भी है। लेकिन यह वह जुकार्य नहीं है, जिसकी यहां चर्चा हो रही है। इन बातों पर मुस्कुराते हुए जजों ने सुनवाई मंगलवार, 8 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।

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