आज सैफई में ही पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। उनके अंतिम संस्कार में दल जाति संप्रदाय वर्ग की दीवारें टूट गईं और राजनीति से लेकर बॉलीवुड तक की हस्तियां आज सैफई पहुंची। मुलायम की राजनीतिक विचारधारा के कितने भी विरोधी रहे हैं उनके राजनीतिक कौशल ने कभी किसी को दुश्मन नहीं बनने दिए। मुलायम की इस अदभुत काबिलियत का नजारा उनके अंतिम संस्कार में भी दिखाई दिया। धरतीपुत्र के नाम से विख्यात मुलायम सिंह ने अपने गांव में अंतिम संस्कार की इच्छा रही होगी इसलिए लाखों की भीड़ के बीच नेताजी के अंतिम संस्कार रीतिरिवाज से किया गया। मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर के पास सुबह से उनका पूरा परिवार मौजूद था। अपने मुखिया को आखिरी विदाई करते वक्त पूरे परिवार की आंखें नम थी
यादव अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे। साइकिल, मोटरसाइकिल, कार, एसयूवी और परिवहन के अन्य साधनों में सवार सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ता और लोग आस-पास के इलाकों से मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए सैफई पहुंचे। पूरा सैफई मानो दूधिया सागर की तरह लग रहा था क्योंकि सफेद कपड़ों में वहां हर क्षेत्र से लोग पहुंचे थे और कई लोग अपनी-अपनी छतों पर थे। कुछ लोग पेड़ पर चढ़ गए थे तो कुछ अपने प्रिय नेता ‘धरती पुत्र’ को ले जा रहे वाहन को छूने का प्रयास कर रहे थे।