पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया का लक्ष्य मिशन 2047 है। इसके तहत वह वर्ष 2047 तक भारत में शरीयत कानून लागू करके ‘गजवा-ए-हिंद’ स्थापित करना है। PFI इसी दिशा में काम कर रहा है। इससे सम्बंधित साहित्य शनिवार को बनारस में गिरफ्तार PFI के सदस्यों के पास से मिला। सुरक्षा अधिकारीयों ने बताया की कल काशी में गिरफ्तार हुए PFI के सदियों मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद के मोबाइल और लैपटॉप को जब खंगाला गया तो उसमे से कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। ये काशी से लेकर केरल तक के बीच PFI के मजबूत कनेक्शन को दिखाते हैं। इसके साथ साथ ही लखनऊ और नई दिल्ली के PFI सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर और उनके संग हुई बैठकों के फोटो, वीडियो भी प्राप्त लैपटॉप और मोबाइल के जरिये एटीएस के हाथ लगे हैं।
रिजवान और मोहम्मद शाहिद की भूमिका PFI में एक तरह से नए सदस्यों के लिए फिजिकल ट्रेनर की तरह हैं। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद पूर्वांचल के बनारस और आजमगढ़ में PFI की जड़े जो तेजी से फैलती दिख रही हैं उन्हें उखाड़ने के लिए यूपी एटीएस ने अपनी कमर कस ली है।