चाणक्य एक पंडित के साथ साथ साथ महान रणनीतीकर और अर्थशास्त्री थे। उनके बताए गए ज्ञान जीवन के छोटे से छोटे और बड़ी से बड़ी मुश्किल में काम आती है। इसलिए उन्होने नीतिशास्त्र की रचना की थी। चाणक्य की नीति इतनी कारगर है की ये किसी भी व्यक्ति की जिंदगी सवार सकती है। इनकी नीतियों को अपनाकर मनुष्य किसी भी परेशानी से निकल सकता है।
इसलिए चाणक्य ने अपनी नीतिशास्त्र में इन चार जगहों को वर्णन किया है जहा रुकने से आपको धन और तन दोनो की हानि हो सकती है।
जहा आक्रमण होते हो —
चाणक्य नीति के अनुसार पहले जब दूसरे देश के राजा किसी देश पर आक्रमण करते थे तो ऐसे में उस स्थान को खाली कर देना ही अच्छा होता था, क्युकी ऐसे स्थान पर रुकने से आपको जान माल का खतरा बना रहता है।
अपराधिक वाली जगहों पर—
आर्थिक तंगी वाली जगह —
चाणक्य नीति के अनुसार उस जगह को छोड़ दे, जहा अर्थव्यवस्था तंग हो चुकी हो, क्युकी इसमें दरिद्रता जैसे दुष्प्रवाभ पड़ते है। क्युकी इन जगहों पर खाने पीने की भी तंगी रहती है।
हिंसक वाले क्षेत्र में —
चाणक्य नीति के अनुसार हिंसा वाली जगहों पर कभी भी रुकना, या रहना नहीं चाइए, क्युकी इसमें शामिल होने वाले उपद्रवी आप को मार भी सकते है। इसलिए ऐसे स्थान से जितनी जल्दी निकल जाए ।