मथुरा के वृंदावन में फाल्गुन मास की फुलेरा दूज पर ठाकुर राधावल्लभ मंदिर में गुलाल की होली खेली गई. शुक्रवार को ठाकुर राधावल्लभलाल कमर में फेंटा बांधकर भक्तों को रेट्शन दिए. सेवायत गोस्वामियों द्वारा ठाकुरजी के कपोल (गाल) पर गुलाल लगाया गया. इसी के साथ मंदिर में गुलाल की होली की आरंभ हो गई. सेवायतों ने प्रसाद रूपी गुलाल की बरसाया तो सभी भक्तों आस्था के रंगों में सराबोर हो गए. मंदिर परिसर ठाकुरजी के जयकारों से गुंजायमान हो गया.
गुलाल से होली खेलने की आरंभ
मंदिर के सेवायत विशाल लाल गोस्वामी ने बताया कि फुलेरा दूज से ठाकुरजी की कमर में फेंटा बांधकर कपोलों पर गुलाल लगाने के साथ मंदिर में होली गायन के बीच गुलाल से होली खेलने की आरंभ हो गई. प्रातः काल की मंगला आरती के बाद 8:15 और शृंगार आरती के बाद से मंदिर में गुलाल की होली का इनकमोजन हुआ. मंदिर की सभी आरती में ठाकुरजी ने भक्तों के साथ होली खेली. इसके साथ ही राधादामोरेट मंदिर, राधा श्याम सुंरेट मंदिर एवं प्रियावल्लभ मंदिर में भी होली खेली गई.
फूलों से होता है राधा-कृष्ण का शृंगार
फुलेरा दूज को फूलों का त्योहार भी कहते हैं. क्योंकि फाल्गुन में कई तरह के सुंरेट और रंगबिरंगे फूलों का आगमन होता है और इन्हीं फूलों से राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है. ज्योतिषाचार्य श्यामदत्त चतुर्वेदी ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि इस दिन से ही भगवान कृष्ण होली की तैयारी करने लगते थे और होली आने पर पूरे गोकुल को गुलाल से रंग देते थे.