भारत के लिए 40 टेस्ट मैच खेलने वाले ऋद्धिमान साहा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी पिछले टेस्ट सीरीज खेली थी, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उन्हें बता दिया है कि अगली सीरीज में वह नहीं चुने जाएंगे.
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) में बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं. कप्तानी में बदलाव तो सामने आ चुका है, लेकिन अब कई सीनियर खिलाड़ियों की जगह भी खाली होती दिख रही है. सीनियर बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) और चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को लेकर चर्चा पिछले कई महीनों से जारी है, लेकिन अब इस लिस्ट में सीनियर विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) का भी नाम जुड़ गया है. हालिया खबरों के मुताबिक, ऋद्धिमान साहा को भारतीय टीम मैनेजमेंट ने स्प्ष्ट शब्दों में कह दिया कि उन्हें आगे की टेस्ट सीरीज के लिए नहीं चुना जाएगा. ऐसे में साहा के संन्यास की अटकलें तेज हो गई हैं, लेकिन 37 साल के इस दिग्गज विकेटकीपर ने साफ कर दिया है कि वह फिलहाल रिटायरमेंट के मूड में नहीं हैं.
रणजी ट्रॉफी के लिए बंगाल क्रिकेट टीम में शामिल होने से इनकार करने वाले साहा ने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर चयनकर्ता उन्हें श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए नहीं चुनते हैं, फिर भी वह संन्यास नहीं लेने वाले. खेल पत्रिका स्पोर्टस्टार से बात करते हुए साहा ने कहा, “जब कभी मुझे स्कूल क्रिकेट में भी टीम से बाहर किया जाता था, तो मैं कोच से नहीं पूछता था कि ऐसा क्यों हुआ… मेरी सोच साफ है- अगर आपको नहीं चुना जाता, तो इससे खुद निपटो और बेहतर बनो. और मैं ये स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अगर वे मुझे श्रीलंका सीरीज के लिए नहीं भी चुनते हैं, तो भी वह फिलहाल क्रिकेट से संन्यास नहीं लेने जा रहे हैं.”
‘ऐसे ही नहीं ले लूंगा संन्यास’
संन्यास को लेकर चल रही खुसफुसाहट और अटकलों के सवाल पर बंगाल के इस अनुभवी विकेटकीपर ने कहा कि लोगों के बात करने का मतलब ये नहीं कि वह संन्यास ले लें. साहा ने कहा,
“हर किसी की एक शुरुआत होती है और अंत भी होता है. लेकिन मैं सिर्फ इस वजह से संन्यास नहीं ले लूंगा क्योंकि लोग इसके बारे में बात करने लगे हैं. अगर टीम को मेरा प्रदर्शन पसंद नहीं आता है और अगर वे मुझे बाहर करते हैं, तो मैं ये स्वीकार कर सकता हूं. लेकिन अगर लोग मुझे धकेलना चाहेंगे तो मैैं (क्रिकेट) नहीं छोड़ूंगा.”
साहा का टेस्ट करियर
2010 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले साहा को एमएस धोनी के संन्यास के बाद ही 2015 में नियमित तौर पर टीम इंडिया में जगह मिली. वह लगातार 4 साल तक भारत के नंबर एक विकेटकीपर रहे. हालांकि 2018 में साउथ अफ्रीका दौरे पर लगी चोट ने करियर को पटरी से उतार दिया. फिर ऋषभ पंत की टीम इंडिया में एंट्री हुई और पिछले एक साल में वह भारत के नंबर एक विकेटकीपर बन गए हैं. साहा ने पिछले एक साल में सिर्फ न्यूजीलैंड के खिलाफ नवंबर में घरेलू टेस्ट सीरीज खेली थी, जिसमें उनका प्रदर्शन ठीक-ठाक था. 40 टेस्ट मैचों में साहा के नाम 92 कैच और 2 स्टंपिंग हैं, जबकि 3 शतक और 6 अर्धशतकों की मदद से 1353 रन बनाए हैं.