गणतंत्र दिवस समारोह से पहले श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में आज फुल ड्रेस रिहर्सल का आयोजन किया गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल के दौरान मार्च-पास्ट किया। इस बीच, गणतंत्र दिवस समारोह से पहले जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीएपीएफ और सेना के साथ सुरक्षा व्यवस्था को देख रही है। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जायेगा कि गणतंत्र दिवस समारोह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो।
होटल व्यवसायी खफा
दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर में लगाये गये वीकेंड लॉकडाउन की वजह से होटल व्यवसायी प्रशासन से खफा हैं। उनका कहना है कि पिछले लॉकडाउन से हुए नुकसान की भरपाई ही अब तक नहीं हो सकी है और अब फिर से वैसे ही हालात पैदा हो गये हैं। प्रभासाक्षी संवाददाता से जम्मू में बातचीत करते हुए होटल व्यवसायियों ने कहा कि हम कोरोना के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं लेकिन फिर भी सब चीजें बंद करा दी गयी हैं जोकि ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पीक सीजन है और ऐसे में यदि होटल बंद हो जायेंगे तो हमारा गुजारा कैसा होगा, कैसे हम विभिन्न करों का भुगतान कर पायेंगे और कर्मचारियों को तनख्वाहें दे पायेंगे। यहां बाइटें लग जायेंगी।
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बधाई
इस बीच, राष्ट्रीय बालिका दिवस पर देश की बेटियों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई देते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को हर बालिका को समान अधिकार देने और उन्हें मौके मुहैया कराकर सशक्त बनाने का आह्वान किया। सिन्हा ने लोगों से बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और लड़कियों को समर्थन और मौके प्रदान करने के लिए सामूहिक कोशिश करने को कहा। सिन्हा ने ट्वीट किया, ”हम हर बालिका के लिए समान अधिकार हासिल करने, उन्हें एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थायी समाज में मौके प्रदान कर सशक्त बनाने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।”
उपराज्यपाल ने कहा, “मैं देश की बेटियों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों के लिए सलाम करता हूं। वे वैश्विक महामारी से लड़ने वाली हमारी स्वास्थ्य प्रणाली का आधार-स्तंभ भी हैं।” उन्होंने कहा, “लड़कियों की शिक्षा, उनके स्वास्थ्य और पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है।” सिन्हा ने कहा कि बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे सभी लोगों के प्रयास सराहनीय हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को बच्चियों के अधिकारों को लेकर जागरूकता पैदा करने और उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व पर संदेश फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।