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सूरत कपड़ा मार्केट आग- 800 राजस्थानी बर्बाद: व्यापारी बोले- 32 साल की मेहनत से करोड़पति बने थे, एक ही रात में रोड पर आ गए – Rajasthan News

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घर में हम कमाने वाले 2 और खाने वाले 20 हैं। सबका गुजारा इसी दुकान से चलता था, जो जल गई।

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ये दर्द है गुजरात के सूरत में बसे 800 राजस्थानियों का। इनकी दुकानें सूरत के रिंग रोड स्थित शिवशक्ति टेक्सटाइल मार्केट में थी। 25 फरवरी को मार्केट में भीषण आग लगी।

दम घुटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। दुकानों में रखी व्यापारियों की करोड़ों रुपए की नकदी (कैश), 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का क्लॉथ मटेरियल, लेनदेन का हिसाब और दुकान में रखे लैपटॉप कंम्प्यूटर जल गए।

दो दिन की कड़ी मशक्कत के बाद 27 फरवरी की देर रात आग पर काबू पाया गया। तब तक सैकड़ों राजस्थानियों की वर्षों की मेहनत, बच्चों के बेहतर भविष्य के सपने सबकुछ जल गया था।

इन राजस्थानी व्यापारियों का दर्द जानने के लिए भास्कर टीम जयपुर से सूरत शहर पहुंची।

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

सालों की मेहनत से खड़ी की दुकानों को जलता देख व्यापारी खुद काे रोक नहीं पाए और आंसू बहने लगे।

सालों की मेहनत से खड़ी की दुकानों को जलता देख व्यापारी खुद काे रोक नहीं पाए और आंसू बहने लगे।

28 फरवरी की दोपहर 12 बजे शिवशक्ति मार्केट (सूरत) में काफी फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियां थीं।

पुलिस ने मार्केट की तरफ जाने वाले रास्ते बंद कर आम लोगों और व्यापारियों की एंट्री बंद कर रखी थी। 3 दिन बाद भी रह-रहकर मार्केट से धुआं उठ रहा था। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मार्केट को ठंडा करने का काम कर रहे थे।

आस-पास में कई व्यापारी खड़े थे। बेबस टकटकी लगाए जले हुए मार्केट को देख रहे थे। यहीं फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश हाकिम व्यापारियों को ढांढस बंधा रहे थे।

32 साल की मेहनत से बनाई 15 दुकानें जल गईं सबसे पहले हमारी मुलाकात पुखराज राजपुरोहित से हुई। बोले- बेटा! 32 साल पहले जालोर के भीनमाल के छोटे से गांव से सूरत आया था। 17 साल उम्र थी। खाली हाथ इस शहर में आया था।

कई साल तक नौकरी की। बाद में इधर-उधर से उधार लेकर दुकान की तो यहां बरकत भी मिली। इस शहर ने मुझे करोड़पति बनाया और आज एक ही रात में रोड पर आ गया। कुछ समझ नहीं आ रहा है कि अब क्या करूंगा?

ये बताते-बताते पुखराज का गला भर आया। पास खड़े व्यापारियों ने दिलासा दिया। किसी तरह उन्होंने खुद को संभाला और बोले- रमजान सीजन का टाइम होता है। इसी वजह से दुकान में एडवांस में स्टॉक कर रखा था। आग से 6 करोड़ का नुकसान हो गया। हमारा अकाउंट भी अंदर जल गया है।

जिन व्यापारियों से मैंने उधार लिया है, वो भी संकट में आ गए हैं। मुझे अपने व्यवहार को रखने के लिए अपना सब कुछ बेचना पडे़गा। अब नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या ? कुएं में ही कुछ नहीं है तो किसी को क्या पानी पिलाऊंगा? आज मेरे 32 साल बर्बाद हो गए हैं।

मैं इस मार्केट में सिक्योरिटी हेड था। अभी भी कमेटी में हूं, लेकिन मेरा तो यहां आने का मन ही नहीं करता। मेरी आंखों के सामने मेरा सब कुछ जल रहा है। अब गुजरात और केंद्र की सरकार के साथ ही भजनलाल सरकार से ये अपील है कि वो हमारी मदद करें।

800 दुकानों में नुकसान व्यापारी कमलेश पुरोहित मार्केट के सामने खड़े थे। बोले- इस मार्केट में हम सब राजस्थानियों की ही दुकानें हैं। पहले 25 फरवरी को आग लगी थी, जिसे बुझा लिया गया। अगले दिन पहुंचे तो पता चला फिर से आग लग गई।

2 दुकानों से चलता था 20 लोगों का गुजारा पास में ही मूलत: उदयपुर के रहने वाले मोहनलाल जोशी खड़े थे। बोले- अब हम इस आगजनी के लिए किसको दोष दें? एडमिनिस्ट्रेशन ने तो आग बुझाने के लिए अपनी जी जान लगा ही दी थी। सरकार से यही विनती है कि वो हमारा सपोर्ट करे।

व्यापारी ने बिल्डर्स और पालिका को जिम्मेदार ठहराया राजस्थान के रेनवाल के रहने वाले व्यापारी विष्णु अग्रवाल ने बताया- 25 साल से मैं यहां रह रहा हूं। बिल्डर्स और सूरत महानगर पालिका के करप्शन के चलते ही इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।

आम व्यापारी बेचारे डर के मारे कुछ बोलते नहीं हैं। इस इलाके के कॉर्पोरेटर अभी तक मौके पर ही नहीं आए हैं। मोदी जी तो बहुत बढ़िया नेता हैं, लेकिन उनकी सोच बीजेपी के नीचे तक के नेता को भी रखनी चाहिए।

6 दुकानों के मालिक बोले- अब करनी पड़ेगी नौकरी

राजस्थान के सिरोही के रहने वाले व्यापारी हरीश भाई माली ने बताया- शिवशक्ति मार्केट में मेरी 6 दुकानें थीं। एक दिन में सबकुछ बदल गया। एक दिन पहले तक मैं खुद सेठ था। लोगों को नौकरियां दे रहा था। अगर जल्दी कोई मदद नहीं मिली तो अपने घर को चलाने और लोगों का कर्ज चुकाने के लिए कल से ही मुझे कहीं कोई नौकरी करनी पड़ेगी।

एक से दूसरी दुकान में फैलते-फैलते आग ने पूरे मार्केट को चपेट में ले लिया।

एक से दूसरी दुकान में फैलते-फैलते आग ने पूरे मार्केट को चपेट में ले लिया।

एसोसिएशन अध्यक्ष बोले- हजारों करोड़ का नुकसान

फेडरेशन ऑफ़ सूरत टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश हाकिम ने बताया- आंखों के सामने व्यापारी भाइयों की दुकानें जल रही थी। वो बेबस इधर-उधर दौड़ रहे थे लेकिन हम कुछ कर नहीं पा रहे थे। व्यापारी रो रहे थे। उन्हें देखकर मेरी भी आंखें नम हो रही थी। उस समय हमारी प्रायोरिटी लोगों की जान बचाने की थी। आग से हजारों करोड़ का नुकसान हो गया है।

हालांकि इस सूरत शहर की तासीर ऐसी है और यहां मां तापी का हम सबको आशीर्वाद है। हम सब मिलकर एक बार फिर मजबूती से खड़े हो जाएंगे।

हमने एसोसिएशन के माध्यम से भी सभी एजेंट्स और बाहर की मंडियों की पार्टियों से ये अपील की है कि शिवशक्ति मार्केट के व्यापारियों का जितना भी पेमेंट बाहर बकाया है वो उन्हें जल्द से जल्द दिला दें।

हम राज्य सरकार और केंद्र सरकार से भी अपील करते हैं कि इस आगजनी में बर्बाद हुए व्यापारियों को भी नुकसान की भरपाई के लिए कोई विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए। इंश्योरेंस क्लेम के मामले भी तुरंत निपटारा हो।

आगजनी को लेकर साजिश की बातों पर कैलाश हाकिम ने बताया कि कोई अपना घर क्यों जलाएगा? ये सब निगेटिव बातें हैं।

इस तरह भड़की थी आग

25 फरवरी को लगी आग : मंगलवार को दोपहर 1.30 बजे सूरत शहर स्थित शिव शक्ति मार्केट के बेसमेंट की दुकान नंबर 2044 में आग लग गई थी। देखते ही देखते आग आस-पास की 15 दुकानों तक पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की 20-25 गाड़ियों ने 5 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।एक व्यापारी की मौत : इस दौरान बेसमेंट में वेंटिलेशन नहीं होने और दम घुटने से जालोर जिले के आकोली के रहने वाले व्यापारी महेंद्र कुमार जैन की मौत हो गई। आगजनी पर काबू पाने के बाद मार्केट को बंद कर दिया गया था और कूलिंग प्रोसेस शुरू की।26 फरवरी को फिर भड़की आग : बुधवार को सुबह फिर आग लग गई। सुबह 8 बजे शिवशक्ति मार्केट के वॉट्सऐप ग्रुप पर आग की सूचना दी गई। हड़बड़ाहट में व्यापारी यहां पहुंचे। देखा तो सबकुछ जल चुका था।700 दुकानों में भारी नुकसान : शिवशक्ति मार्केट का निर्माण 1996 में दो भाइयों भूपत पटेल और अरुण पटेल ने कराया था। 6 मंजिला इमारत में हर मंजिल पर 137 दुकानें हैं। मार्केट में कुल 822 दुकानें हैं। 700 दुकानें पूरी तरह जल गईं हैं।आग के कारण तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया कि फायर ब्रिगेड को भी बाहर से ही आग पर काबू पाने के प्रयास करने पड़े।

आग के कारण तापमान इतना ज्यादा बढ़ गया कि फायर ब्रिगेड को भी बाहर से ही आग पर काबू पाने के प्रयास करने पड़े।

आग पर जल्दी क्यों नहीं हो पाया कंट्रोल ? एक्सपट्‌र्स का कहना है कि कपड़ा मार्केट में आग लगती है तो काबू पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। कपड़ा होने के कारण आग तेजी से फैलती है। विशेषकर पॉलिएस्टर सिंथेटिक कपड़ा है। जब वह आग पकड़ता है तो तुरंत काबू नहीं पाया जा सकता। शिवशक्ति मार्केट की दुकानों में साड़ियों और ड्रेस सामग्री का बहुत बड़ा स्टॉक था। ऐसे में आग तेजी से भड़की।

चीफ फायर ब्रिगेड ऑफिसर बसंत पारीख ने मीडिया को बताया कि फायर ब्रिगेड की टीमों ने बाहर से आग बुझाई। क्योंकि अंदर का तापमान बहुत ज्यादा था। दुकानों में सिंथेटिक कपड़े के हेवी स्टॉक के कारण आग पर काबू पाना आसान नहीं था।

टीमों ने हाइड्रोलिक्स और गैस कटर के साथ लगातार काम किया है। प्रत्येक दुकान में तीन लोग थे, इसलिए समय भी लगा। लगातार आग लगने के कारण मार्केट की बिल्डिंग को भी भारी डेमेज हुआ है।

एक दिन पहले मौके पर पहुंची सूरत नगर निगम आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने बताया था कि हमने हाइड्रोलिंक मशीन सहित अन्य मशीनों का उपयोग कर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। पानी की कमी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए पानी के टैंकर भी उपलब्ध कराए गए। कलेक्टर और पुलिस के समन्वय से रिलायंस, ओएनजीसी, हजीरा (आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया) से फायर ब्रिगेड टीम और जनशक्ति की मदद ली गई थी।

गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी भी हालात का जायजा लेने के लिए मार्केट में पहुंचे।

गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी भी हालात का जायजा लेने के लिए मार्केट में पहुंचे।

मार्केट में आग लगी या लगाई! FSL जांच में साफ होगा गुजरात के राज्य अग्निशमन निदेशक अनिल चावड़ा भी गुरुवार को शिवशक्ति मार्केट पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सभी तरह की जानकारी जुटाकर रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस आग हादसे के कारणों की FSL टीम जांच करेगी। सलाबतपुरा थाने के इंस्पेक्टर केडी जडेजा ने भी कहा कि जांच के बाद ही सही कारण का पता चलेगा।

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