2022 गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हो गए थे।
गुजरात बीजेपी के विधायक हार्दिक पटेल को बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ दर्ज राजद्रोह में मामले को वापस ले लिया है। पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल और उनके साथियों के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज हुआ था। आंदोल
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हार्दिक पटेल वर्तमान में अहमदाबाद जिले की वीरमगाम से विधायक हैं। गुजरात में पाटीदार अनामत आंदोलन साल 2015 में हुआ था। इसके बाद राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। 2017 में विधानसभा चुनावों में बीजेपी इसी आंदोलन की वजह से सिर्फ 99 सीटें जीत पाई थी।
भाजपा में शामिल होने से देशद्रोही देशभक्त बन जाता है? वहीं, इस मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक और पाटीदार नेता ललित कगथरा ने तंज कसते हुए कहा, क्या भाजपा में शामिल होने से कोई देशद्रोही देशभक्त बन जाता है? तो लालजी पटेल ने कहा कि सिर्फ यही नहीं बल्कि सभी मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए। हालाँकि सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
हार्दिक पटेल ने राज्य सरकार को दिया धन्यवाद हार्दिक पटेल ने सोशल मीडिया की एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को धन्यवाद देते हुए कहा- भूपेंद्र पटेल सरकार ने गुजरात में पाटीदार आंदोलन के दौरान मेरे और समाज के कई युवाओं के खिलाफ किए गए गंभीर देशद्रोह सहित अपराधों को वापस ले लिया है। मैं समाज की ओर से गुजरात की भाजपा सरकार को धन्यवाद देता हूं। इस पोस्ट के बाद अन्य पाटीदार नेताओं अल्पेश कथीरिया, दिनेश बांभणिया और नरेश पटेल ने भी सरकार को धन्यवाद दिया है।
कुल 14 मामले वापस लिए जाएंगे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक अल्पेश कथीरिया ने सरकार के फैसले के बारे में कहा कि सरकार ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के दौरान दर्ज किए गए करीब 14 बेहद गंभीर मामलों को वापस लेने का फैसला घोषित किया है। सरकार द्वारा जल्द ही इस सूची की आधिकारिक घोषणा भी कर दी जाएगी। 8 मामले अहमदाबाद से हैं, 2 मामले सूरत से हैं, 3 मामले गांधीनगर से हैं और 1 मामला मेहसाणा से है। इसके बाद कुल 14 मामले वापस लिये जायेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि भूपेंद्र पटेल को दो महीने पहले इन मामलों की सूची दी गई थी। इस मामले में पूरी प्रक्रिया गृह सचिव, अन्य मंत्रालयों के सचिवों, जिला कलेक्टर सहित अधिकारियों द्वारा संचालित की गई। तब आज यह निर्णय लिया गया। हम इस निर्णय को बहुत सकारात्मक दृष्टि से देख रहे हैं। हम आभारी हैं कि सरकार ने यह निर्णय सकारात्मक तरीके से लिया है। हम इस प्रक्रिया में भूमिका निभाने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं।
सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के अध्यक्ष लालजी पटेल।
लालजी पटेल ने सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के अध्यक्ष लालजी पटेल ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह अच्छी बात है कि सरकार देर से ही सही, जागी है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन किसी व्यक्तिगत हित के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के हित के लिए था। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान कई युवाओं पर झूठे मामले दर्ज किए गए।
एसपीजी अध्यक्ष ने कहा कि जब भी वे मुख्यमंत्री से मिलते थे तो इन मामलों को वापस लेने का प्रस्ताव रखते थे। उन्होंने सरकार के इस फैसले को बेहद सकारात्मक बताया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने मुख्यमंत्री से पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मामलों के साथ-साथ देशद्रोह के मामलों को भी वापस लेने की अपील की है।
गुजरात के सभी आंदोलनकारी जीत गए हैं प्रदर्शनकारी नेता दिनेश बांभणिया ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाटीदार आरक्षण अवधि के दौरान देशद्रोह समेत बड़े गंभीर मामलों को वापस लिया है, जिसके लिए मैं सरकार का आभार व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री ने मेहसाणा जिले के कडी क्षेत्र से 307 जैसे 14 गंभीर मामले वापस लेने का फैसला किया है। जिसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। मैं गुजरात के सभी आंदोलनकारियों को भी धन्यवाद देता हूं जो इस लड़ाई में शामिल हुए।