गुजरात के बारडोली में ‘रन टू रिमेंबर सुभाष संग्राम’ मैराथन का शुभारंभ करने पहुंचे डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस की ताइवान में अचानक मौत नहीं हुई थी। बल्कि उनकी हत्या की गई थी। उस समय की सरकार ने सबूतों क
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गुजरात के बारडोली में ‘रन टू रिमेंबर सुभाष संग्राम’ मैराथन का शुभारंभ करने पहुंचे थे डॉ.स्वामी।
‘रन टू रिमेम्बर सुभाष संग्राम’ मैराथन का आयोजन सूरत जिले के बारडोली में आई एम ह्यूमन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित ‘रन टू रिमेंबर सुभाष संग्राम’ मैराथन का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम देश के महान नेता सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में आयोजित किया गया था, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। मैराथन की शुरुआत सुब्रह्मण्यम स्वामी ने की। इसमें करीब 2000 धावकों ने हिस्सा लिया।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जवाहरलाल नेहरू पर साधा निशाना स्वामी ने सुभाष चंद्र बोस की मौत पर जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निजी सचिव ने कहा था कि जवाहरलाल नेहरू ने 1945 में रात में मुझे फोन कर टाइपिंग करने के लिए कहा था। उन्होंने मुझसे उस समय के ब्रिटिश प्रधान मंत्री को एक पत्र टाइप करने के लिए कहा था कि सुभाष चंद्र बोस अभी भी जीवित हैं और हमारे कब्जे में हैं। आगे क्या करना है, ये हमें मिलकर तय करना चाहिए।
‘रन टू रिमेंबर सुभाष संग्राम’ मैराथन में करीब 2000 धावकों ने हिस्सा लिया।
कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ था स्वामी ने आगे कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत की सच्चाई सामने आनी चाहिए। उनकी मौत ताइवान में नहीं हुई थी। अमेरिका ने भी कहा था कि यहां कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि हमने कभी भी रूस से वह दस्तावेज हमें देने के लिए नहीं कहा। दस्तावेज मंगवाकर जांच करनी चाहिए थी। मुझे उम्मीद थी कि नरेंद्र मोदी जांच करेंगे, लेकिन उन्होंने भी इस जांच को आगे नहीं बढ़ाया।
कांग्रेसी डरे हुए हैं जब मैं मंत्री था तो चंद्रशेखर ने मुझसे सीधे कहा था कि मुद्दा उठाओगे तो हंगामा हो जाएगा। सारे कांग्रेसी डरे हुए हैं। मैं अब भी कहता हूं कि अगर किसी को इस मामले पर बहस करनी है तो कर ले, मैं तैयार हूं। मैं आपको दिखा सकता हूं कि दस्तावेज कहां है। दस्तावेज बाहर निकालें और सार्वजनिक करें।