आग दुर्घटना में बच्चों और महिलाओं सहित कुल 27 निर्दोष लोग जिंदा जल गए थे।
राजकोट टीआरपी गेम जोन अग्निकांड की भयावह त्रासदी के बाद राजकोट मनपा के तत्कालीन टीपीओ मनसुख सागठीया सहित नगर निगम के आठ कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की गई थी। इस बीच सागाठीया के पास आय से अधिक संपत्ति पाए जाने के बाद एसीबी में एक अलग मामला द
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राजकोट के नाना मवा रोड स्थित टीआरपी गेम जोन में 25 मई 2024 को हुआ था हादसा।
डी की टीम 15 दिनों से राजकोट में है एसीबी की जांच पूरी होते ही सागठिया के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की एंट्री से हड़कंप मच गया है और मनसुख सागठिया से राजकोट सेंट्रल जेल में ईडी की टीम पूछताछ कर रही है जो कि 15 दिन से राजकोट में है।
इस मामले के प्रकाश में आने पर चर्चा है कि न केवल ईडी पूरे मामले की जांच करने की ओर झुक रही है, बल्कि प्रशासकों से लेकर सत्ता में बैठे कई राजनेताओं के भी कड़ाके की ठंड में पसीने छूट रहे हैं और कईयों की नींद उड़ी हुई है।
आग दुर्घटना में बच्चों और महिलाओं सहित कुल 27 निर्दोष लोग जिंदा जल गए थे।
27 निर्दोष लोग जिंदा जल गए थे राजकोट के नाना मवा रोड स्थित टीआरपी गेम जोन में 25 मई 2024 को हुई आग दुर्घटना में बच्चों और महिलाओं सहित कुल 27 निर्दोष लोग जिंदा जल गए थे। जिंदा जलाए जा रहे लोगों की चीख-पुकार ने न केवल राजकोट को बल्कि पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया और पूरा गुजरात सदमे में था।
हाईकोर्ट ने तुरंत मामले का संज्ञान लिया, जबकि राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने तत्कालीन टीपीओ मनसुख सागठीया, मुख्य अग्निशमन अधिकारी आई वी खेर, उप अग्निशमन अधिकारी भीखा ठेबा समेत आठ नगर निगम कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें आरोपी बनाया गया था।