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10-रुपए के लिए 40 छात्रों ने शार्पनर से हाथ काटा: स्कूल के ही एक नाबालिग स्टूडेंट ने वीडियो गेम देखकर दिया था टास्क

अमरेली4 मिनट पहले

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टास्क देने वाले बच्चे ने टास्क पूरा न होने पर 5 रुपए फाइन की भी शर्त रखी थी।

खतरनाक टास्क देने वाले वीडियो गेम मासूम बच्चों के दिमाग पर कितना खतरनाक असर डालते हैं, इसका एक उदाहरण गुजरात से सामने आया है। यहां अमरेली जिले के मोटा मुंजियासर गांव में सरकारी स्कूल के 40 बच्चों ने 10 रुपए के लालच में पेंसिल के शार्पनर से अपना हाथ काट लिया। सभी बच्चे 5वीं से 8वीं क्लास के स्टूडेंट्स हैं।

अभिभावकों से बातचीत करते हुए स्कूल के टीचर्स।

अभिभावकों से बातचीत करते हुए स्कूल के टीचर्स।

7वीं से स्टूडेंट ने दिया था टास्क प्राथमिक विद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, कक्षा 7 में पढ़ाई करने वाला एक छात्र ने वीडियो गेम देखने के बाद अपनी क्लास के स्टूडेंट्स को ब्लेड से हाथ काटने का टास्क दिया था। स्टूडेंट ने ऐसा करने पर 10 रुपए देने का लालच दिया था। पहले क्लास के करीब 10 बच्चे इसमें शामिल हुए और फिर धीरे-धीरे कर पांचवीं से आठवीं क्लास तक के स्टूडेंट्स इस टास्क में शामिल हो गए।

एक लड़के ने अपने दोनों हाथों पर मारे शार्पनर के घाव।

एक लड़के ने अपने दोनों हाथों पर मारे शार्पनर के घाव।

एक हफ्ते तक स्कूल ने बात छिपाए रखी यह घटना एक हफ्ते पहले हुए थी, लेकिन इसके बावजूद स्कूल ने मामला दबाए रखा। एक बच्चे के अभिभावक ने बच्चे के हाथ पर निशान देखे तो उससे कारण पूछा। इस तरह इस मामले का खुलासा हुआ। छात्र ने परिवार को पूरी बात बताई तो कई अभिभावक मिलकर बुधवार को स्कूल पहुंचे। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा और अमरेली के एएसपी जयवीर गढ़वी स्कूल पहुंचे और अभिभावकों के बयान दर्ज किए।

मोटा मुंजियासर गांव के इस स्कूल में करीब 300 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।

मोटा मुंजियासर गांव के इस स्कूल में करीब 300 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।

शिक्षकों ने कहा- हमारी जिम्मेदारी नहीं बवाल मचने पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने अभिभावकों से कहा कि यह अभिभावकों की ही गलती है कि वे बच्चों को मोबाइल देखते देते हैं। इसके अलावा यह भी ध्यान नहीं देते कि बच्चा मोबाइल पर कौन सा गेम खेल रहा है, या क्या देख रहा है। बच्चों को मोबाइल की लत से छुड़ाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है, शिक्षकों की नहीं।

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