



बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकार सौरभ शुक्ला की गिनती फिल्म इंडस्ट्री के शानदार अभिनेताओं में होती है। आज उन्हें किसी भी परिचय की आवश्यकता नहीं है। चाहे वो कॉमेडी रोल हो या सीरियस या फिर इमोशनल रोल हर रोल में फिट बैठने वाले सौरभ आज 5 मार्च को अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं। सौरभ ने हिंदी फिल्मो के अलावा तमिल, तेलुगु और कन्नड़ भाषा की फिल्मों में भी काम किया है। फिल्मो के साथ साथ ही इन्होने टेलीविज़न और थिएटर के लिये भी काफी काम किया है। अपने कैरियर की शुरुआत में जब सौरभ थिएटर के लिए काम कर रहे थे तो उन्होंने कभी फिल्मो में काम करने के बारे में नहीं सोचा था। वो तो बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशक शेखर कपूर की नजर सौरभ पर पड़ी और वो उन्हें फिल्मो में ले आए।
सौरभ शुक्ला ने साल 1994 को शेखर कपूर द्वारा डायरेक्ट की गयी फिल्म बैंडिट क्वीन के जरिये फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा। बैंडिट क्वीन से पहले सौरभ ने दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले आपराधिक धारावाहिक तहकीकात में विजय आनंद के साथी गोपी की भूमिका निभाई थी। इसके अलावा उन्होंने ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाले शो 9 मालाबार हिल में भी काम किया था जिसका निर्माण भी उन्होंने ही किया था। 1998 में रिलीज़ फिल्म सत्य के राइटर भी सौरभ शुक्ल ही थे , उन्होंने लिखने के साथ ही इस फिल्म में कल्लू मामा का किरदार भी अदा किया था।
अगर सौरभ शुक्ला की निजी जिंदगी की बात करी जाए तो इनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ हटा। इनका परिवार संगीत से सम्बन्ध रखता था। जहाँ इनकी माता डॉ. जोग्माया शुक्ला, भारत में तबला बजाने वाली पहली महिला थी। वहीं इनके पिता शत्रुघ्न शुक्ला, आगरा घराने के गायक थे। सौरभ शुक्ल का जन्म 5 मार्च 1963 को हुआ था। उन्हें अपना खाली समय लिखने, पढ़ने और फिल्में देखने में बिताना अच्छा लगता है। सौरभ सिर्फ 2 साल के थे जब उनका परिवार गोरखपुर से दिल्ली आ गया था। दिल्ली के खालसा कॉलेज में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने 1984 में एक प्रोफेशनल एक्टिंग करियर शुरू किया।