हमारे यह नदियों को माँ कहके बुलाया जाता हे। जिनमे सबसे पवित्र नदी हे गंगा। कहा जाता हे की गंगा में डुबकी लगाने से ही पाप धूल जाते हे। और इंसान के मरने के बाद उसकी अस्थियो को गंगा में विसर्जित किया जाता हे। गंगा श्रीविष्णु के चरणों से होकर गुजराती हे। इसीलिए कहाँ जाता हे की गंगा में अस्थिया प्रवाहित करने से श्री हरी के चरणों में जगह मिलती हे।
अस्थियो को गंगा में विसर्जित करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती हे। मोक्ष मिलता हे। आत्मा के लिए स्वर्ग के दरवाजे खुले मिलते हे। गंगा का निवास स्वर्ग में हे जो गंगा नदी के घाट पे अपने प्राण छोड़ता हे उसे यमदण्ड का सामना नहीं करना पड़ता। शंख स्मुर्ती और कर्म पुराण में भी अस्थियो को गंगा में विसर्जन करना शुभ बताया गया हे। गंगा में अस्थिया प्रवाहित करने से मनुष्य के सारे पाप धूल जाते हे।