मोनसून की मौसम में वायरल भी बहुत तेजी से फैलता है। इससे बचने के लिए आप घर पर ही कुछ आसान से उपाय कर सकते हैं।
वायरल फीवर हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर में संक्रमण बहुत जल्दी बढ़ जाता है। वायरल संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बहुत तेजी से फैलता है।
वायरल बुखार एक संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है। वायरल बुखार होने पर शरीर के तीनों दोष फैलते हैं और अलग-अलग लक्षण दिखाते हैं। विशेष रूप से इसमें कफ दोष चिढ़ जाता है, यह पेट की आग को धीमा कर देता है।
आमतौर पर वायरल फीवर से राहत पाने के लिए घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं। इनमें वे वस्तुएं शामिल हैं जो घर पर आसानी से उपलब्ध हैं या उपयोग में आसान हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
वायरल बुखार एक वायरस के कारण होने वाली समस्या है, इसलिए एंटीबायोटिक्स नहीं दी जानी चाहिए। यह बुखार कम से कम 3-4 दिन और अधिकतम दो सप्ताह तक रह सकता है। वायरल फीवर के लिए आयुर्वेदिक दवा सबसे अच्छी है, यह विक्षिप्त दोषों को संतुलन में लाती है।
वायरल फीवर के कारण होने वाले दर्द में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। अदरक के पेस्ट में थोड़ा सा शहद मिलाकर कुछ मिनट बाद लेने से आराम मिलता है।
वायरल फीवर में दालचीनी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में काम करती है, यह खांसी-संक्रामक सर्दी और गले में खराश जैसे लक्षणों से राहत दिलाती है। एक कप पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर और दो इलायची डालकर पांच मिनट तक उबालें। इसे गर्म छान लें और पी ले। इस से काफी राहत होती है और बाहर का खाना बिलकुल न खाए।