केंद्र सरकार ने आज घोषणा की है कि पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को वापस ले लिया गया है। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में जानकारी दी कि व्यापक कानूनी फ्रेमवर्क वाला नया कानून जल्द ही पेश किया जाएगा। इसे पहली बार 2019 में प्रस्तावित किया गया था और इसने फेसबुक और Google जैसी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को यह घोषणा करते हुए चिंतित कर दिया था कि यह एक नए व्यापक कानून पर काम कर रही है।
संयुक्त संसदीय समिति ने 81 संशोधन और 12 सिफारिशें प्रस्तावित की हैं। इन सिफारिशों की गहन जांच की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विस्तृत चर्चा और मूल्यांकन के बाद ही नया कानून बनाया जाएगा। डेटा सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के समाधान का पता लगाने के लिए 31 जुलाई 2017 को न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा के तहत विशेषज्ञ पैनल का गठन किया गया था। समिति ने 27 जुलाई 2018 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। वर्ष 2019 में प्रस्तुत विधेयक को संयुक्त समिति को भेजा गया और बाद में 16 दिसंबर 2021 को समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
भारत का कहना है कि नागरिकों के डेटा और गोपनीयता की रक्षा के लिए ऐसे नियमों की आवश्यकता है। सांसदों ने कहा है कि संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के दुरुपयोग के बारे में चिंताएं भारत में तेजी से बढ़ी हैं।