छोटी सरकार यानी राजद से मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को 10 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही उनके घर के केयर टेकर को भी 10 साल की सजा सुनाई गई है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश त्रिलोकी दुबे ने यह फैसला सुनाया है. अदालत ने 14 जून को उसे दोषी पाया था।
उनके वकील ने कहा कि वह एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हाईकोर्ट इस फैसले पर रोक लगाता है तो उनकी विधायिका बनी रहेगी, लेकिन अगर स्टे नहीं दिया गया तो विधायिका पर खतरा है.
लाडमा गांव में विधायक के पैतृक घर से एक एके-47, 26 गोलियां, 2 हथगोले और एक मैगजीन बरामद हुई है. इस मामले में अनंत सिंह करीब 34 महीने से पटना के बेउर जेल में बंद है.
इनके खिलाफ बाढ़ थाने में एफआईआर नंबर 389/19 दर्ज है. इस मामले में आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ आर्म्स एक्ट और एक्सप्लोसिव एक्ट का इस्तेमाल किया गया है।
हथियारों की तस्करी की सूचना का था दावा
जैसा कि एएसपी लिपि सिंह ने उस समय दावा किया था कि बाढ़ के दौरान अनंत सिंह के घर से बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी की सूचना मिली थी. इसके बाद पटना की एसएसपी गरिमा मलिक को इसकी जानकारी दी गई. तब तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को भी पूरे मामले से अवगत कराया गया.
इसके बाद पूरे ऑपरेशन को फुलप्रूफ तरीके से अंजाम दिया गया। बाढ़ एसडीएम के आदेश पर छापेमारी के लिए बाढ़ के बीडीओ को ही मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था। इसके बाद पटना के तत्कालीन ग्रामीण एसपी कांतेश कुमार मिश्रा भी बाढ़ में पहुंच गए.
फिर पूरे पुलिस बल के साथ ग्रामीण एसपी व एएसपी लिपि सिंह की टीम सुबह करीब चार बजे लदमा गांव स्थित सिंह के घर पहुंची. उस वक्त पुलिस ने छापेमारी की वीडियोग्राफी करने का भी दावा किया था.
दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर
पुलिस ने बाहुबली विधायक के घर से हथियार, गोलियां व हथगोले बरामद होने के मामले में उनके ही बयान पर बाढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी.
उस समय विधायक पटना में सरकारी आवास पर थे. हालांकि पुलिस ने जब उसकी तलाश शुरू की तो वह पटना छोड़कर फरार हो गया. 23 अगस्त 2019 को उन्होंने दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर किया।
इसके बाद उसी दिन शाम को आईपीएस लिपि सिंह की टीम पटना से दिल्ली गई थी. इसके बाद उन्हें 24 अगस्त को ट्रांजिट रिमांड दिया गया और 25 अगस्त को फ्लड कोर्ट में पेश किया गया।
इसके बाद से पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में इस मामले में लगातार सुनवाई चल रही थी.
दूसरे मामले में कोर्ट से मिली राहत, बरी हुए अनंत सिंह
अनंत सिंह के खिलाफ आज एक और पुराने मामले की सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद उन्हें बरी कर दिया है. वकील सुनील सिंह के मुताबिक पटना के सहदेव महतो मार्ग में अनंत सिंह की प्रॉपर्टी है. 2013 में हुआ था विवाद जिसके बाद विधायक के खिलाफ एसके पुरी थाने में प्राथमिकी संख्या 30/2013 दर्ज की गई। अनंत सिंह पर डराने-धमकाने का आरोप लगाया था। मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में एसीजेएम-1 ने की। इसी अदालत ने मामले से बरी करने का फैसला भी सुनाया है। अनंत सिंह एके-47 मामले में 10 साल की सजा के बाद एसके पुरी थाना मामले में पेश हुए थे।