स्मीमेर अस्पताल के फोरेंसिक विभाग में कार्यरत थे डॉक्टर राजेश पटेल।
सूरत महानगर पालिका संचालित स्मीमेर अस्पताल के फोरेंसिक विभाग में कार्यरत डॉक्टर राजेश पटेल की मौत हो गई। उन्होंने गलती से 16 मार्च की रात एसिड पी लिया था, जिसके बाद उन्हें खटोदरा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 15 दिनों तकआईसीय
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डॉक्टर राजेश पटेल की मौत के बाद फोरेंसिक विभाग में काम करने वालेउनके सहयोगियों में शोक का माहौल है। स्मीमेर अस्पताल के डॉक्टरों काकहना है कि डॉ. पटेल एक अनुभवी और होशियार डॉक्टर थे। उनकी मौत कैसे हुई, यह अब भी रहस्य बना हुआ है।
सूरत महानगर पालिका संचालित स्मीमेर अस्पताल
पत्नी ने गलती से टेबल पर रख दी थी बोतल जानकारी के अनुसार अलथान कैनाल रोड स्थित कोरल हाइट्स निवासी डॉक्टर राजेश पटेल अपने घर में थे। उनकी पत्नी ने सफाई के दौरान गलती से एसिड की बोतल टेबल पर रख दी थी। रात करीब एक बजे पानी की बोतल समझकर डॉक्टर राजेश ने पास रखी एसिड की बोतल उठा ली और एसिड पी लिया। एसिड निगलते ही उनकी तबीयत बिगड़ गई।
लीवर और गले में था इंफेक्शन पत्नी ने तुरंत डॉ. जयेश को फोन किया, जो उनके करीबी मित्र हैं। डॉ. जयंतीलाल ने राजेश पटेल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। करीब एक हफ्ते तक उनकी हालत स्थिर रही। लीवर और गले में इंफेक्शन के चलते उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। वे आईसीयू में थे। आखिरकार सोमवार की रात उनकी मौत हो गई।