सूरत को भारत का ‘गेट-वे ऑफ ट्रेड’ बनाने के लिए नीति आयोग ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। एक वर्ष तक किए गए अध्ययन और रिसर्च के बाद तैयार किए गए मास्टर प्लान में सूरत को इकोनॉमिक रीजन बनाने के लिए कुल 54 प्रोजेक्ट डेवलप किए जाएंगे, जिसमें टूरिज्म को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा टेक्सटाइल, डायमंड, केमिकल, फार्मा और एग्रीकल्चर सेक्टर में भी बड़े बदलाव लाने की योजना बनाई गई है।
गुजरात की जीडीपी में सूरत का योगदान 55 प्रतिशत
सूरत में चीन के गोंजाऊ की तरह बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) के लिए भारतीय बाजार स्थापित किया जाएगा। यह हाई-स्पीड रेल जोन में बनाया जाएगा, जबकि दुबई जैसा बी2सी (बिजनेस टू कंज्यूमर) ड्रीम सिटी में बनाया जाएगा। इससे सूरत को ट्रेडिंग गेट वे ऑफ इंडिया के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार और कॉर्पोरेशन ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। उल्लेखनीय है कि गुजरात के जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के 36 प्रतिशत योगदान की तुलना में सूरत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान 55 प्रतिशत है। केंद्र सरकार ने इकोनॉमिक रीजन में बिजनेस के साथ-साथ टूरिज्म हब बनाने का भी निर्णय लिया है। इसमें क्रूज सर्विस से लेकर बीच फ्रंट डेवलपमेंट, डिज्नीलैंड थीम पार्क, बीच होटेल्स और बीच रिसॉर्ट तक बनाने की योजना है। दक्षिण एशिया का यह पहला अंतरराष्ट्रीय स्तर का थीम पार्क बनेगा। इसके लिए उभराट समुद्र तट के पास की जगह पसंद की गई है। बीचों को मल्टी एक्टिविटी जोन के रूप में विकसित किया जाएगा
नीति आयोग ने डिज्नी वर्ल्ड यूएसए के साथ इसके लिए बातचीत भी शुरू कर दी है। इसके अतिरिक्त, सूरत को समुद्री मार्ग से मुंबई, गोवा और द्वारका-सोमनाथ से कनेक्ट करने के लिए क्रूज टूरिज्म के लिए 2 सर्किट प्रपोज किए गए हैं और दोनों सर्किट में सूरत को क्रूज सर्विस से कनेक्ट करने की योजना बनाई गई है। इसमें हजीरा और उभराट बीच पर क्रूज का टर्मिनल बनाया जाएगा। क्रूज सर्विस 3 से 4 दिनों की रहेगी। सुवाली, उभराट और तिथल बीच को मल्टी एक्टिविटी जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। ड्रीम सिटी में ये होगा
मॉल्स, मार्केट प्लेस, शॉपिंग स्ट्रीट, आर्टिसन विलेज, म्यूजियम, रेस्तरां, होटल, शटल सर्विस, मेट्रो ,होलसेल मार्केट, मॉल्स, बिजनेस होटल्स, हाउसिंग, शटल सर्विस, मेट्रो, हेलीपैड, सीमलेस कनेक्टिविटी विद ड्रीम सिटी।
