आरोपी भूपेंद्र सिंह झाला को 28 दिसंबर को हिरासत में लिया गया था।
गुजरात और राजस्थान में पोंजी स्कीम से करीब 6 हजार करोड़ रुपए का घोटाला करने वाले बीजेड फाइनेंस कंपनी’ के सीईओ भूपेंद्र सिंह झाला को शनिवार को विशेष अदालत में पेश किया गया। रिमांड पूरी होने के बाद सीआईडी क्राइम ने भूपेन्द्र झाला को अहमदाबाद ग्राम न्
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इससे पहले कोर्ट ने उसकी 7 दिन की रिमांड मंजूर की थी। चूंकि यह रिमांड शनिवार को पूरी हो गई है, इसलिए 6 दिन की और रिमांड चाहिए। मुख्य लोक अभियोजक की दलील थी कि बीजेड फाइनेंस वेबसाइट के मुताबिक, बीजेड में 11,232 निवेशक हैं, जिन्होंने 422.96 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वह निवेशकों को प्रति माह 3% ब्याज देने का लालच देता था। उन्होंने कहा कि आरोपियों द्वारा किए गए नकद लेनदेन की जांच जरूरी है।
BZ Financial Services और BZ Group का सीईओ भूपेंद्र सिंह झाला।
1286 निवेशकों की प्रविष्टियां नहीं मिलीं बीजेड एजेंटों को मार्केटिंग चेन के अनुसार क्रमशः 1%, 0.50%, 0.25% और 0.10% कमीशन मिलता था। इस मामले में कितने एजेंट हैं और उनके खिलाफ सबूतों की जांच अभी बाकी है। खाते आरोपी के लैपटॉप टैली में रखे गए थे, इसे जब्त करना और खातों को लॉक करना बाकी है। आरोपी ने मोडासा नागरिक सहकारी बैंक व सर्वोदय नागरिक बैंक में 300 व 100 रुपये के स्टांप खरीदे, कुल 12,518 स्टांप खरीदे। वेबसाइट पर मिले 11,232 निवेशकों में से 1286 निवेशकों की प्रविष्टियां नहीं मिलीं है।
हिम्मतनगर में भूपेंद्र झाला की कंपनी का ऑफिस।
3% से 30% तक के ब्याज का लालच देती थी भूपेंद्र की कंपनी सीआईडी की जांच में पता चला है कि कंपनी के गुजरात के अलावा राजस्थान के भी कई शहरों में ऑफिसेज थे। कंपनी के कर्मचारी लोगों को 3% से 30% तक का मासिक ब्याज देने का वादा करती थी और 5 लाख रुपए का निवेश करने पर टीवी या मोबाइल गिफ्ट में देती थी। वहीं, 10 लाख रुपए के निवेश पर गोवा ट्रिप का भी ऑफर देती थी।
प्रारंभिक जांच में दो बैंक अकाउंट्स में 175 करोड़ रुपए के लेनदेन की जानकारी सामने आई थी। सीआईडी क्राइम के अधिकारियों का कहना है कि कुछ समय पहले हमें एक गुमनाम आवेदन मिला था। बीजेड फाइनेंशियल सर्विसेज और बीजेड ग्रुप के सीईओ भूपेन्द्रसिंह परबतसिंह झाला ने गुजरात के अलावा राजस्थान में भी ऑफिस खोले थे। इसके साथ ही वह दुबई में भी ऑफिस खोलने की तैयारी में लगा हुआ था।
हिम्मतनगर में कंपनी का एक ऑफिस।
सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाते थे एजेंट्स सीआईडी के एडीजीपी राजकुमार पांडियन ने बताया कि भूपेंद्र की कंपनी के एजेंट्स को खासतौर पर रिटायर्ड सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाने के लिए ट्रेंड किया गया था। शुरुआत में निवेश पर अच्छा रिटर्न देकर लोगों का विश्वास जीता जाता था और फिर बाद में उनकी बड़ी रकम हड़प ली जाती थी। इतना ही नहीं, एजेंट्स को सैलरी के अलावा 5% से 25% तक कमीशन भी दिया जाता था।
दुबई और गिफ्ट सिटी में ऑफिस खोलने की थी योजना डीवायएसपी अश्विन पटेल ने बताया कि सीआईडी ने इस मामले में कंपनी के गुजरात स्थित कई ऑफिसों पर छापेमारी की है। जांच में पता चला है कि कंपनी कैश और चेक दोनों तरीकों से पैसे जमा करवाती थी। फंड की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी से आया था।
भूपेंद्र सिंह झाला का कारोबार इतना फल-फूल चुका था कि उसने कुछ समय पहले ही गुजरात के आणंद में भी एक ब्रांच खोली थी और अब वह दुबई और गांधीनगर की गिफ्ट सिटी में नया ऑफिस खोलने की तैयारी कर रहा था।