चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने दावा करते हुए कहा कि हाल के दिनों में बिहार में बदले राजनीतिक परिदृश्य का राष्ट्रव्यापी असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि यह राज्य केंद्रित है। उनका इशारा नीतीश कुमार के NDA छोड़कर महागठबंधन के साथ जाकर सरकार बनाने की ओर था। इस सरकार को सात दलों का समर्थन है। सीतामढ़ी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए किशोर ने हालांकि इतना जरूर कहा कि हम केवल एक बात निश्चित रूप से कह सकते हैं कि कुछ भी हो, नीतीश कुमार सत्ता पर काबिज रहेंगे जैसे कि वह इतने सालों से करते आ रहे हैं।
उत्तर बिहार के सीतामढ़ी जिले में पत्रकारों से बात करते हुए किशोर ने यह दावा भी किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नया बागी रुख “राजनीतिक अस्थिरता” का प्रतीक है, जिसका सामना बिहार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “नयी भाजपा” के उदय के बाद से कर रहा है। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव होने में अभी बहुत देर है। उन्होंने कहा अभी कई बार परिवर्तन देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि बिहार में वर्ष 2025 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में बदलाव देखने को मिलेगा। हमें नहीं पता कि कौन सी पार्टी या नेता किस तरफ रहेगा लेकिन, मौजूदा परिदृश्य नहीं रहेगा, इसमें बदलाव होगा।