फरीदाबाद, 07 जुलाई। फरीदाबाद चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज(एफसीसीआई) के अध्यक्ष डॉ. एचके बत्रा ने कहा कि फरीदाबाद में नान कंफर्मिंग एरिया में करीब 16 हजार औद्योगिक इकाईयां संचालित हो रही है। यहां लोगों युवाअेां को रोजगार मिला है। ऐसे में सरकार से मांग है कि नॉन कंफर्मिंग एरिया को नियमित कर उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराए।
उनका कहना है कि जब सरकार अवैध कॉलोनियों को नियमित कर सुविधाएं दे रही है तो इंडस्ट्री के साथ भेदभाव क्यों, जबकि इंडस्ट्री सरकार से 18 प्रकार के लाईसेंस लेकर चला रही है। सरकार को टैक्स देने के साथ साथ लाखों लेागों को रोजगार भी दे रही है। वह सेक्टर 15 स्थित जिमखाना क्लब में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। प्रेसवार्ता में एफसीसीआई के महासचिव रोहित, डीएलएफ इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा, रमेश झावर, टीसी धवन आदि शामिल थे।
उन्होंने कहा कि आज इंडस्ट्री के सामने कई समस्याएं खड़ी है। बिजली पर्याप्त मिल नहीं पाती। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जनरेटर चलने नहीं देता, पीएनजी के रेट महंगे हो रहे हैं। इन सबका असर उद्योगों पर पड़ रहा है। जल्द ही इस मामले को लेकर केंद्र सरकार के सामने पक्ष रखा जाएगा। डॉ. बत्रा ने बताया कि उनकी एसोसिएशन की नई गर्वनिंग बॉडी बनी है। सभी मिलकर उद्योगों की समस्याओं काे संभावित मंच तक पहुंचाने और उनका समाधान कराने का प्रयास करेगा।
डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने बताया कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी राघवेंद्र राव के सामने ग्रेप लागू होने के बाद होने वाली समस्याओं का प्रमुखता से रखा गया था। उन्होंने बिजल विभाग पर सख्त कदम उठाने की बात कही है। मल्होत्रा ने बताया कि जल्द ही दोनों विभागों के अफसरेां के साथ बैठक होने वाली है। इसके बाद यदि साढ़े 23 घंटे तक बिजली सप्लाई नहीं मिलती है तो बिजली विभाग पर भारी पेनाल्टी लगाने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि प्रदूषण बढ़ने में इंडस्ट्री का योगदान महज दो फीसदी है। लेकिन सबसे पहले पाबंदी इसी पर लगाई जाती है। यह उचित नहीं है।