भारतीय टीम (Indian Cricket Team) को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर वनडे सीरीज में 3-0 से पराजय झेलनी पड़ी. इसके पहले टेस्ट सीरीज में उसे 2-1 से पराजय मिली.
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका की कमजोर टीम से टेस्ट और वनडे सीरीज हारने के बावजूद घबराने की जरूरत नहीं है. इस ‘अस्थायी दौर’ से टीम जल्दी ही उबर जाएगी. तीनों फॉर्मेट से विराट कोहली (Virat Kohli) के कप्तानी छोड़ने के बाद कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल के साथ भारतीय टीम को वनडे सीरीज में 3-0 से पराजय झेलनी पड़ी. इसके पहले टेस्ट सीरीज में उसे 2-1 से पराजय मिली. शास्त्री ने लेजेंड्स लीग क्रिकेट से इतर पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘एक सीरीज हारने के बाद लोग आलोचना करने लगते हैं. आप हर मैच नहीं जीत सकते. जीत-हार चलती रहती है.’
पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद शास्त्री का कार्यकाल समाप्त हो गया था. शास्त्री ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज की एक गेंद भी नहीं देखी लेकिन उन्होंने यह मानने से इनकार किया कि टीम के प्रदर्शन के स्तर में गिरावट आई है. उन्होंने कहा, ‘अचानक प्रदर्शन कैसे गिर सकता है. पांच साल तक आप दुनिया की नंबर एक टीम रहे हैं.’
शास्त्री बोले- चिंता की क्या बात
शास्त्री ने कहा कि चिंता की कोई जरूरत नहीं है और यह नाकामी एक अस्थायी दौर है. उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच साल से जीत का अनुपात 65 प्रतिशत रहा है तो चिंता की क्या बात है. विरोधी टीमों को चिंता करनी चाहिए.’ भारत को अब साल 2022 में ज्यादातर मुकाबले घरेलू जमीन पर ही खेलने हैं. इसके तहत आगामी कुछ महीनों में अफगानिस्तान, वेस्ट इंडीज, श्रीलंका के साथ उसकी वनडे सीरीज है. फिर वेस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों से ही उसकी घरेलू टेस्ट सीरीज भी है.
तीन आईसीसी टूर्नामेंट पर भारत की नजरें
टीम इंडिया अब नए कप्तान के साथ अपना अभियान शुरू करेगी. विराट कोहली तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान पद से हट चुके हैं. टी20 और वनडे में उनकी जगह रोहित शर्मा मुखिया बन चुके हैं. टेस्ट में भी रोहित को जिम्मेदारी मिलने की संभावना है. भारत के लिए अगले डेढ़ साल काफी अहम रहने वाले हैं. इस अवधि में एक टी20 वर्ल्ड कप, एक 50 ओवर का वर्ल्ड कप और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भी खेला जाना है.
50 ओवर का वर्ल्ड कप तो भारत में ही खेला जाना है. ऐसे में वह जीत का तगड़ा दावेदार रहेगा. आखिरी बार साल 2011 में जब उसने वर्ल्ड कप जीता था तब टूर्नामेंट भारत में ही हुआ था.