नवरात्र का आज छट्ठा दिन हे। आज के दिन माँ कात्यानी की पूजा अर्चना की जाती हे। माँ कात्यानी नवदुर्गा का ही छठ्ठा अवतार हे। माँ के इस नाम के पीछे भी पुराणों में कहानी बताई गई हे। कात्यान नाम के एक ऋषि थे जो माँ के बहुत बड़े भक्त थे। उनकी कोई संतान नहीं थी तो उन्होंने तपस्या कर माँ से वरदान में उनको अपनी पुत्री के रूप में माँगा। फिर माँ ने ऋषि कात्यान के घर जन्म लिया और कात्यानी कहलाई।
माँ कात्यानी स्वरुप की बात करें तो उनका शरीर सोने जैसा सुनहरा और चमकदार हे। माँ के चार हाथ हे। एक हाथ में तलवार तो दूसरे में कमल पुष्प धारण किया हे। बाकि दोनों हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हे। माता सिंह की सवारी करती हे। माँ कात्यानी स्नेह और शक्ति का रूप हे।
माँ की पूजा करने से भक्तो को आसानी से धर्म , काम और मोक्ष की प्राप्ति होती हे। माँ रोग ,विकार और शोक को दूर करती हे।